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क्यों है सावन की विशेषता?

हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन महीने को देवों के देव महादेव भगवान शंकर का महीना माना जाता है। इस संबंध में पौराणिक कथा है कि जब सनत कुमारों ने महादेव से उन्हें सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव भगवान शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था। अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया, जिसके बाद ही महादेव के लिए यह विशेष हो गया।

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9.01.2020

Vishnu Astambh | विश्णु स्तम्भ को अकबर ने नहीं बनाया देखिये सबूत

 कुतुबुद्दीन ऐबक, और विष्णु स्तंभ (क़ुतुबमीनार) का सच जो हम लोगों से छुपाया गया

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किसी भी देश पर शासन करना है तो उस देश के लोगों का ऐसा ब्रेनवाश कर दो कि वो अपने देश, अपनी संसकृति और अपने पूर्वजों पर गर्व करना छोड़ दें । इस्लामी हमलावरों और उनके बाद अंग्रेजों ने भी भारत में यही किया. हम अपने पूर्वजों पर गर्व करना भूलकर उन अत्याचारियों को महान समझने लगे जिन्होंने भारत पर बे हिसाब जुल्म किये थे ।


 

अगर आप दिल्ली घुमने गए है तो आपने कभी विष्णू स्तम्भ (क़ुतुबमीनार) को भी अवश्य देखा होगा. जिसके बारे में बताया जाता है कि उसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनबाया था. हम कभी जानने की कोशिश भी नहीं करते हैं कि कुतुबुद्दीन कौन था, उसने कितने बर्ष दिल्ली पर शासन किया, उसने कब विष्णू स्तम्भ (क़ुतुबमीनार) को बनवाया या विष्णू स्तम्भ (कुतूबमीनार) से पहले वो और क्या क्या बनवा चुका था ?


दो खरीदे हुए गुलाम

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कुतुबुद्दीन ऐबक, मोहम्मद गौरी का खरीदा हुआ गुलाम था. मोहम्मद गौरी भारत पर कई हमले कर चुका था मगर हर बार उसे हारकर वापस जाना पडा था. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की जासूसी और कुतुबुद्दीन की रणनीति के कारण मोहम्मद गौरी, तराइन की लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान को हराने में कामयाबी रहा और अजमेर / दिल्ली पर उसका कब्जा हो गया ।


ढाई दिन का झोपड़ा

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अजमेर पर कब्जा होने के बाद मोहम्मद गौरी ने चिश्ती से इनाम मांगने को कहा. तब चिश्ती ने अपनी जासूसी का इनाम मांगते हुए, एक भव्य मंदिर की तरफ इशारा करके गौरी से कहा कि तीन दिन में इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना कर दो. तब कुतुबुद्दीन ने कहा आप तीन दिन कह रहे हैं मैं यह काम ढाई दिन में कर के आपको दूंगा  ।


कुतुबुद्दीन ने ढाई दिन में उस मंदिर को तोड़कर मस्जिद में बदल दिया. आज भी यह जगह "अढाई दिन का झोपड़ा" के नाम से जानी जाती है. जीत के बाद मोहम्मद गौरी, पश्चिमी भारत की जिम्मेदारी "कुतुबुद्दीन" को और पूर्वी भारत की जिम्मेदारी अपने दुसरे सेनापति "बख्तियार खिलजी" (जिसने नालंदा को जलाया था) को सौंप कर वापस चला गय था ।


दोनों गुलाम को शासन

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कुतुबुद्दीन कुल चार साल ( 1206 से 1210 तक) दिल्ली का शासक रहा. इन चार साल में वो अपने राज्य का विस्तार, इस्लाम के प्रचार और बुतपरस्ती का खात्मा करने में लगा रहा. हांसी, कन्नौज, बदायूं, मेरठ, अलीगढ़, कालिंजर, महोबा, आदि को उसने जीता. अजमेर के विद्रोह को दबाने के साथ राजस्थान के भी कई इलाकों में उसने काफी आतंक मचाय ।


विष्णु स्तम्भ 

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जिसे क़ुतुबमीनार कहते हैं वो महाराजा वीर विक्रमादित्य की वेदशाला थी. जहा बैठकर खगोलशास्त्री वराहमिहर ने ग्रहों, नक्षत्रों, तारों का अध्ययन कर, भारतीय कैलेण्डर "विक्रम संवत" का आविष्कार किया था. यहाँ पर 27 छोटे छोटे भवन (मंदिर) थे जो 27 नक्षत्रों के प्रतीक थे और मध्य में विष्णू स्तम्भ था, जिसको ध्रुव स्तम्भ भी कहा जाता था ।


दिल्ली पर कब्जा करने के बाद उसने उन 27 मंदिरों को तोड दिया. विशाल विष्णु स्तम्भ को तोड़ने का तरीका समझ न आने पर उसने उसको तोड़ने के बजाय अपना नाम दे दिया. तब से उसे क़ुतुबमीनार कहा जाने लगा. कालान्तर में यह यह झूठ प्रचारित किया गया कि क़ुतुब मीनार को कुतुबुद्दीन ने बनबाया था. जबकि वो एक विध्वंशक था न कि कोई निर्माता.


कुतुबुद्दीन ऐबक की मौत का सच

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अब बात करते हैं कुतुबुद्दीन की मौत की. इतिहास की किताबो में लिखा है कि उसकी मौत पोलो खेलते समय घोड़े से गिरने पर से हुई. ये अफगान / तुर्क लोग "पोलो" नहीं खेलते थे, पोलो खेल अंग्रेजों ने शुरू किया. अफगान / तुर्क लोग बुजकशी खेलते हैं जिसमे एक बकरे को मारकर उसे लेकर घोड़े पर भागते है, जो उसे लेकर मंजिल तक पहुंचता है, वो जीतता है ।


कुतबुद्दीन ने अजमेर के विद्रोह को कुचलने के बाद राजस्थान के अनेकों इलाकों में कहर बरपाया था. उसका सबसे कडा विरोध उदयपुर के राजा ने किया, परन्तु कुतुबद्दीन उसको हराने में कामयाब रहा. उसने धोखे से राजकुंवर कर्णसिंह को बंदी बनाकर और उनको जान से मारने की धमकी देकर, राजकुंवर और उनके घोड़े शुभ्रक को पकड कर लाहौर ले आया.


एक दिन राजकुंवर ने कैद से भागने की कोशिश की, लेकिन पकड़ा गया. इस पर क्रोधित होकर कुतुबुद्दीन ने उसका सर काटने का हुकुम दिया. दरिंदगी दिखाने के लिए उसने कहा कि बुजकशी खेला जाएगा लेकिन इसमें बकरे की जगह राजकुंवर का कटा हुआ सर इस्तेमाल होगा. कुतुबुद्दीन ने इस काम के लिए, अपने लिए घोड़ा भी राजकुंवर का "शुभ्रक" चुना.


कुतुबुद्दीन "शुभ्रक" घोडे पर सवार होकर अपनी टोली के साथ जन्नत बाग में पहुंचा. राजकुंवर को भी जंजीरों में बांधकर वहां लाया गया. राजकुंवर का सर काटने के लिए जैसे ही उनकी जंजीरों को खोला गया, शुभ्रक घोडे ने उछलकर कुतुबुद्दीन को अपनी पीठ से नीचे गिरा दिया और अपने पैरों से उसकी छाती पर कई बार किये, जिससे कुतुबुद्दीन वहीं पर मर गया ।


शुभ्रत मरकर भी अमर हो गया

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इससे पहले कि सिपाही कुछ समझ पाते राजकुवर शुभ्रक घोडे पर सवार होकर वहां से निकल गए. कुतुबुदीन के सैनिको ने उनका पीछा किया मगर वो उनको पकड न सके. शुभ्रक कई दिन और कई रात दौड़ता रहा और अपने स्वामी को लेकर उदयपुर के महल के सामने आ कर रुका. वहां पहुंचकर जब राजकुंवर ने उतर कर पुचकारा तो वो मूर्ति की तरह शांत खडा रहा ।


वो मर चुका था, सर पर हाथ फेरते ही उसका निष्प्राण शरीर लुढ़क गया. कुतुबुद्दीन की मौत और शुभ्रक की स्वामिभक्ति की इस घटना के बारे में हमारे स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाता है लेकिन इस घटना के बारे में फारसी के प्राचीन लेखकों ने काफी लिखा है. धन्य है भारत की भूमि जहाँ इंसान तो क्या जानवर भी अपनी स्वामी भक्ति के लिए प्राण दांव पर लगा देते हैं ।

       -साभार

8.31.2020

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8.30.2020

Rochak Baten | रोचक बातें जो आपको जरूर जानकारी रखनी चाहिए

 1. लगातार दो बार से अधिक किसी को कॉल न करें। 


यदि वे आपकी कॉल नहीं उठाते हैं, तो मान लें कि इस वक्त उनके पास कुछ महत्वपूर्ण कार्य है।

Rochak Jankari

Ishq Ki Sajish | इश्क की साजिश | जिन्दगी बदल दे जो कहानियां

 #इश्क़_या_साजिश

 , ट्रैन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की सिम निकालने की पिन है??"

इश्क की साजिश


उसने अपने बैग से एक फोन निकाला था, और नया सिम कार्ड उसमें डालना चाहती थी। लेकिन सिम स्लॉट खोलने के लिए पिन की जरूरत पड़ती है जो उसके पास नहीं थी। मैंने हाँ में गर्दन हिलाई और अपने क्रॉस बेग से पिन निकालकर लड़की को दे दी। लड़की ने थैंक्स कहते हुए पिन ले ली और सिम डालकर पिन मुझे वापिस कर दी।

थोड़ी देर बाद वो फिर से इधर उधर ताकने लगी, मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने पूछ लिया "कोई परेशानी??"

वो बोली सिम स्टार्ट नहीं हो रही है, मैंने मोबाइल मांगा, उसने दिया। मैंने उसे कहा कि सिम अभी एक्टिवेट नहीं हुई है, थोड़ी देर में हो जाएगी। और एक्टिव होने के बाद आईडी वेरिफिकेशन होगा उसके बाद आप इसे इस्तेमाल कर सकेंगी।

लड़की ने पूछा, आईडी वेरिफिकेशन क्यों??

मैंने कहा " आजकल सिम वेरिफिकेशन के बाद एक्टिव होती है, जिस नाम से ये सिम उठाई गई है उसका ब्यौरा पूछा जाएगा बता देना"

लड़की बुदबुदाई "ओह्ह "

मैंने दिलासा देते हुए कहा "इसमे कोई परेशानी की कोई बात नहीं"

वो अपने एक हाथ से दूसरा हाथ दबाती रही, मानो किसी परेशानी में हो। मैंने फिर विन्रमता से कहा "आपको कहीं कॉल करना हो तो मेरा मोबाइल इस्तेमाल कर लीजिए"

लड़की ने कहा "जी फिलहाल नहीं, थैंक्स, लेकिन ये सिम किस नाम से खरीदी गई है मुझे नहीं पता"

मैंने कहा "एक बार एक्टिव होने दीजिए, जिसने आपको सिम दी है उसी के नाम की होगी"

उसने कहा "ओके, कोशिश करते हैं"

मैंने पूछा "आपका स्टेशन कहाँ है??"

लड़की ने कहा "दिल्ली"

और आप?? लड़की ने मुझसे पूछा

मैंने कहा "दिल्ली ही जा रहा हूँ, एक दिन का काम है,

आप दिल्ली में रहती हैं या...?"

लड़की बोली "नहीं नहीं, दिल्ली में कोई काम नहीं , ना ही मेरा घर है वहाँ"

तो ???? मैंने उत्सुकता वश पूछा

वो बोली "दरअसल ये दूसरी ट्रेन है, जिसमे आज मैं हूँ, और दिल्ली से तीसरी गाड़ी पकड़नी है, फिर हमेशा के लिए आज़ाद"

आज़ाद?? 

लेकिन किस तरह की कैद से?? 

मुझे फिर जिज्ञासा हुई किस कैद में थी ये कमसिन अल्हड़ सी लड़की..

लड़की बोली, उसी कैद में थी जिसमें हर लड़की होती है। जहाँ घरवाले कहे शादी कर लो, जब जैसा कहे वैसा करो। मैं घर से भाग चुकी हुँ..

मुझे ताज्जुब हुआ मगर अपने ताज्जुब को छुपाते हुए मैंने हंसते हुए पूछा "अकेली भाग रही हैं आप? आपके साथ कोई नजर नहीं आ रहा? "

वो बोली "अकेली नहीं, साथ में है कोई"

कौन? मेरे प्रश्न खत्म नहीं हो रहे थे

दिल्ली से एक और ट्रेन पकड़ूँगी, फिर अगले स्टेशन पर वो जनाब मिलेंगे, और उसके बाद हम किसी को नहीं मिलेंगे..

ओह्ह, तो ये प्यार का मामला है।

उसने कहा "जी"

मैंने उसे बताया कि 'मैंने भी लव मैरिज की है।'

ये बात सुनकर वो खुश हुई, बोली "वाओ, कैसे कब?" लव मैरिज की बात सुनकर वो मुझसे बात करने में रुचि लेने लगी

मैंने कहा "कब कैसे कहाँ? वो मैं बाद में बताऊंगा पहले आप बताओ आपके घर में कौन कौन है?

उसने होशियारी बरतते हुए कहा " वो मैं आपको क्यों बताऊं? मेरे घर में कोई भी हो सकता है, मेरे पापा माँ भाई बहन, या हो सकता है भाई ना हो सिर्फ बहने हो, या ये भी हो सकता है कि बहने ना हो और 2-4 गुस्सा करने वाले बड़े भाई हो"

मतलब मैं आपका नाम भी नहीं पूछ सकता "मैंने काउंटर मारा"

वो बोली, 'कुछ भी नाम हो सकता है मेरा, टीना, मीना, रीना, कुछ भी'

बहुत बातूनी लड़की थी वो.. थोड़ी इधर उधर की बातें करने के बाद उसने मुझे टॉफी दी जैसे छोटे बच्चे देते हैं क्लास में, 

बोली आज मेरा बर्थडे है।

मैंने उसकी हथेली से टॉफी उठाते बधाई दी और पूछा "कितने साल की हुई हो?"

वो बोली "18"

"मतलब भागकर शादी करने की कानूनी उम्र हो गई आपकी"

वो "हंसी"

कुछ ही देर में काफी फ्रैंक हो चुके थे हम दोनों। जैसे बहुत पहले से जानते हो एक दूसरे को..

मैंने उसे बताया कि "मेरी उम्र 35 साल है, यानि 17 साल बड़ा हुँ"

उसने चुटकी लेते हुए कहा "लग तो नही रहे हो"

मैं मुस्कुरा दिया

मैंने उसे पूछा "तुम घर से भागकर आई हो, तुम्हारे चेहरे पर चिंता के निशान जरा भी नहीं है, इतनी बेफिक्री मैंने पहली बार देखी"

खुद की तारीफ सूनकर वो खुश हुई, बोली "मुझे उन जनाब ने मेरे लवर ने पहले से ही समझा दिया था कि जब घर से निकलो तो बिल्कुल बिंदास रहना, घरवालों के बारे में बिल्कुल मत सोचना, बिल्कुल अपना मूड खराब मत करना, सिर्फ मेरे और हम दोनों के बारे में सोचना और मैं वही कर रही हूँ"

मैंने फिर चुटकी ली, कहा "उसने तुम्हे मुझ जैसे अनजान मुसाफिरों से दूर रहने की सलाह नहीं दी?"

उसने हंसकर जवाब दिया "नहीं, शायद वो भूल गया होगा ये बताना"

मैंने उसके प्रेमी की तारीफ करते हुए कहा " वैसे तुम्हारा बॉय फ्रेंड काफी टेलेंटेड है, उसने किस तरह से तुम्हे अकेले घर से रवाना किया, नई सिम और मोबाइल दिया, तीन ट्रेन बदलवाई.. ताकि कोई ट्रेक ना कर सके, वेरी टेलेंटेड

इश्क की साजिश #StopLoveJihad

 पर्सन"

लड़की ने हामी भरी, " बोली बहुत टेलेंटेड है वो, उसके जैसा कोई नहीं"

मैंने उसे बताया कि "मेरी शादी को 10 साल हुए हैं, एक बेटी है 8 साल की और एक बेटा 1 साल का, ये देखो उनकी तस्वीर"

मेरे फोन पर बच्चों की तस्वीर देखकर उसके मुंह से निकल गया "सो क्यूट"

मैंने उसे बताया कि "ये जब पैदा हुई, तब मैं कुवैत में था, एक पेट्रो कम्पनी में बहुत अच्छी जॉब थी मेरी, बहुत अच्छी सेलेरी थी.. फिर कुछ महीनों बाद मैंने वो जॉब छोड़ दी, और अपने ही कस्बे में काम करने लगा।"

लड़की ने पूछा जॉब क्यों छोड़ी??

मैंने कहा "बच्ची को पहली बार गोद में उठाया तो ऐसा लगा जैसे मेरी दुनिया मेरे हाथों में है, 30 दिन की छुट्टी पर घर आया था, वापस जाना था लेकिन जा ना सका। इधर बच्ची का बचपन खर्च होता रहे उधर मैं पूरी दुनिया कमा लूं, तब भी घाटे का सौदा है। मेरी दो टके की नौकरी, बचपन उसका लाखों का.."

लड़की ने कहा "वेरी इम्प्रेसिव"

मैं मुस्कुराकर खिड़की की तरफ देखने लगा

लड़की ने पूछा "अच्छा आपने तो लव मैरिज की थी न,फिर आप भागकर कहाँ गए??

कैसे रहे और कैसे गुजरा वो वक्त??

उसके हर सवाल और हर बात में मुझे महसूस हो रहा था कि ये लड़की लकड़पन के शिखर पर है, बिल्कुल नासमझ और मासूम छोटी बहन सी।

मैंने उसे बताया कि हमने भागकर शादी नहीं की, और ये भी है कि उसके पापा ने मुझे पहली नजर में सख्ती से रिजेक्ट कर दिया था।"

उन्होंने आपको रिजेक्ट क्यों किया?? लड़की ने पूछा

मैंने कहा "रिजेक्ट करने का कुछ भी कारण हो सकता है, मेरी जाति, मेरा काम,,घर परिवार,

"बिल्कुल सही", लड़की ने सहमति दर्ज कराई और आगे पूछा "फिर आपने क्या किया?"

मैंने कहा "मैंने कुछ नहीं किया,उसके पिता ने रिजेक्ट कर दिया वहीं से मैंने अपने बारे में अलग से सोचना शुरू कर दिया था। खुशबू ने मुझे कहा कि भाग चलते हैं, मेरी वाइफ का नाम खुशबू है..मैंने दो टूक मना कर दिया। वो दो दिन तक लगातार जोर देती रही, कि भाग चलते हैं। मैं मना करता रहा.. मैंने उसे समझाया कि "भागने वाले जोड़े में लड़के की इज़्ज़त पर पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता, जबकि लड़की के पूरे कुल की इज्ज़त धुल जाती है। भगाने वाला लड़का उसके दोस्तों में हीरो माना जाता है लेकिन इसके विपरीत जो लड़की प्रेमी संग भाग रही है वो कुल्टा कहलाती है, मुहल्ले के लड़के उसे चालू कहते है । बुराइयों के तमाम शब्दकोष लड़की के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। भागने वाली लड़की आगे चलकर 60 साल की वृद्धा भी हो जाएगी तब भी जवानी में किये उस कांड का कलंक उसके माथे पर से नहीं मिटता। मैं मानता हूँ कि लड़का लड़की को तौलने का ये दोहरा मापदंड गलत है, लेकिन हमारे समाज में है तो यही , ये नजरिया गलत है मगर सामाजिक नजरिया यही है,

वो अपने नीचे का होंठ दांतो तले पीसने लगी, उसने पानी की बोतल का ढक्कन खोलकर एक घूंट पिया।

मैंने कहा अगर मैं उस दिन उसे भगा ले जाता तो उसकी माँ तो शायद कई दिनों तक पानी भी ना पीती। इसलिए मेरी हिम्मत ना हुई कि ऐसा काम करूँ.. मैं जिससे प्रेम करूँ उसके माँ बाप मेरे माँ बाप के समान ही है। चाहे शादी ना हो, तो ना हो।

कुछ पल के लिए वो सोच में पड़ गई , लेकिन मेरे बारे में और अधिक जानना चाहती थी, उसने पूछा "फिर आपकी शादी कैसे हुई???

मैंने बताया कि " खुशबू की सगाई कहीं और कर दी गई थी। धीरे धीरे सबकुछ नॉर्मल होने लगा था। खुशबू और उसके मंगेतर की बातें भी होने लगी थी फोन पर, लेकिन जैसे जैसे शादी नजदीक आने लगी, उन लोगों की डिमांड बढ़ने लगी"

डिमांड मतलब 'लड़की ने पूछा'

डिमांड का एक ही मतलब होता है, दहेज की डिमांड। परिवार में सबको सोने से बने तोहफे दो, दूल्हे को लग्जरी कार चाहिए, सास और ननद को नेकलेस दो वगैरह वगैरह, बोले हमारे यहाँ रीत है। लड़का भी इस रीत की अदायगी का पक्षधर था। वो सगाई मैंने तुड़वा डाली..इसलिए नही की सिर्फ मेरी शादी उससे हो जाये बल्कि ऐसे लालची लोगों में खुशबू कभी खुश नही रह सकती थी ना उसका परिवार, फिर किसी तरह घरवालों को समझा बुझा कर मैं फ्रंट पर आ गया और हमारी शादी हो गई। ये सब किस्मत की बात थी..

लड़की बोली "चलो अच्छा हुआ आप मिल गए, वरना वो गलत लोगों में फंस जाती"

मैंने कहा "जरूरी नहीं कि माता पिता का फैसला हमेशा सही हो, और ये भी जरूरी नहीं कि प्रेमी जोड़े की पसन्द सही हो.. दोनों में से कोई भी गलत या सही हो सकता है..काम की बात यहाँ ये है कि कौन ज्यादा वफादार है।"

लड़की ने फिर से पानी का घूंट लिया और मैंने भी.. लड़की ने तर्क दिया कि "हमारा फैसला गलत हो जाए तो कोई बात नहीं, उन्हें ग्लानि नहीं होनी चाहिए"

मैंने कहा "फैसला ऐसा हो जो दोनों का हो,बच्चो और माता पिता दोनों की सहमति, वो सबसे सही है। बुरा मत मानना मैं कहना चाहूंगा कि तुम्हारा फैसला तुम दोनों का है, जिसमे तुम्हारे पेरेंट्स शामिल नहीं है, ना ही तुम्हे इश्क का असली मतलब पता है अभी"

उसने पूछा "क्या है इश्क़ का सही अर्थ?"

मैंने कहा "तुम इश्क में हो, तुम अपना सबकुछ छोड़क

र चली आई ये सच्चा इश्क़ है, तुमने दिमाग पर जोर नहीं दिया ये इश्क है, फायदा नुकसान नहीं सोचा ये इश्क है...तुम्हारा दिमाग़ दुनियादारी के फितूर से बिल्कुल खाली था, उस खाली जगह में इश्क का फितूर भर दिया गया। जिन जनाब ने इश्क को भरा क्या वो इश्क में नहीं है.. यानि तुम जिसके साथ जा रही हो वो इश्क में नहीं, बल्कि होशियारी हीरोगिरी में है। जो इश्क में होता है वो इतनी प्लानिंग नहीं कर पाता है, तीन ट्रेनें नहीं बदलवा पाता है, उसका दिमाग इतना काम ही नहीं कर पाता.. कोई कहे मैं आशिक हुँ, और वो शातिर भी हो ये नामुमकिन है।

मजनू इश्क में पागल हो गया था, लोग पत्थर मारते थे उसे, इश्क में उसकी पहचान तक मिट गई। उसे दुनिया मजनू के नाम से जानती है जबकि उसका असली नाम कैस था जो नहीं इस्तेमाल किया जाता। वो शातिर होता तो कैस से मजनू ना बन पाता। फरहाद ने शीरीं के लिए पहाड़ों को खोदकर नहर निकाल डाली थी और उसी नहर में उसका लहू बहा था, वो इश्क़ था। इश्क़ में कोई फकीर हो गया, कोई जोगी हो गया, किसी मांझी ने पहाड़ तोड़कर रास्ता निकाल लिया..किसी ने अतिरिक्त दिमाग़ नहीं लगाया..चालाकी नही की

लालच ,हवस और हासिल करने का नाम इश्क़ नहीं है.. इश्क समर्पण करने को कहते हैं जिसमें इंसान सबसे पहले खुद का समर्पण करता है, जैसे तुमने किया, लेकिन तुम्हारा समर्पण हासिल करने के लिए था, यानि तुम्हारे इश्क में लालच की मिलावट हो गई ।

लकड़ी अचानक से खो सी गई.. उसकी खिलख़िलाहट और लपड़ापन एकदम से खमोशी में बदल गया.. मुझे लगा मैं कुछ ज्यादा बोल गया, फिर भी मैंने जारी रखा, मैंने कहा " प्यार तुम्हारे पापा तुमसे करते हैं, कुछ दिनों बाद उनका वजन आधा हो जाएगा, तुम्हारी माँ कई दिनों तक खाना नहीं खाएगी ना पानी पियेगी.. जबकि आपको अपने आशिक को आजमा कर देख लेना था, ना तो उसकी सेहत पर फर्क पड़ता, ना दिमाग़ पर, वो अक्लमंद है, अपने लिए अच्छा सोच लेता।

आजकल गली मोहल्ले के हर तीसरे लौंडे लपाटे को जो इश्क हो जाता है, वो इश्क नहीं है, वो सिनेमा जैसा कुछ है। एक तरह की स्टंटबाजी, डेरिंग, अलग कुछ करने का फितूर..और कुछ नहीं।

लड़की का चेहरे का रंग बदल गया, ऐसा लग रहा था वो अब यहाँ नहीं है, उसका दिमाग़ किसी अतीत में टहलने निकल गया है। मैं अपने फोन को स्क्रॉल करने लगा.. लेकिन मन की इंद्री उसकी तरफ थी।

थोड़ी ही देर में उसका और मेरा स्टेशन आ गया.. बात कहाँ से निकली थी और कहाँ पहुँच गई.. उसके मोबाइल पर मैसेज टोन बजी, देखा, सिम एक्टिवेट हो चुकी थी.. उसने चुपचाप बैग में से आगे का टिकट निकाला और फाड़ दिया.. मुझे कहा एक कॉल करना है, मैंने मोबाइल दिया.. उसने नम्बर डायल करके कहा "सोरी पापा, और सिसक सिसक कर रोने लगी, सामने से पिता भी फोन पर बेटी को संभालने की कोशिश करने लगे.. उसने कहा पिताजी आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं घर आ रही हूँ..दोनों तरफ से भावनाओ का सागर उमड़ पड़ा"

हम ट्रेन से उतरे, उसने फिर से पिन मांगी, मैंने पिन दी.. उसने मोबाइल से सिम निकालकर तोड़ दी और पिन मुझे वापस कर दिया

कहानी को अंत तक पढ़ने का धन्यवाद।

देश की सभी बेटियों को समर्पित- 

ये मेरा दावा है माता पिता से ज्यादा तुम्हे दुनिया मे कोई प्यार नहीं करता।


नोट:- # प्यार_अंधा_होता_है

आज जारी किए गए नए दिशानिर्देश | जानिए अनलॉक4 में क्या खुलेगी और बंद रहेंगी ?

*MHA ने अनलॉक 4 की गाइडलाइन जारी की*


गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कंटेनर जोन के बाहर के क्षेत्रों में अधिक गतिविधियों को खोलने के लिए आज नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। 1 सितंबर 2020 से लागू होने वाले अनलॉक 4 में, गतिविधियों के फिर से खोलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। आज जारी किए गए नए दिशानिर्देश, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त फीडबैक और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के साथ व्यापक विचार-विमर्श पर आधारित हैं।

Unlock 4.0 Guideline In Hindi


*अनलॉक -4 की खास बातें*


– 30 सितंबर तक बंद रहेंगे स्कूल और कॉलेज


– 7 सितंबर से मेट्रो सेवा शुरू करने की इजाज़त


– 100 लोगों की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, खेलकूद और मनोरंजक सभाएं करने की अनुमति


– ओपन एयर थियेटर यानी सर्कस आदि शुरू हो सकेंगे


– 21 सितंबर से 9वीं से 12 कक्षा के बच्चे चाहें तो अध्यापक से दिशानिर्देश लेने के लिए स्कूल जा सकेंगे


– मास्टर डिग्री और पीएचडी के छात्र प्रयोगशालाओं में जा सकेंगे


 21 सितंबर से शादी और अंतिम संस्कार में 100 लोग शामिल हो सकेंगे


सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क आदि बंद रहेंगे


– राज्य सरकारें अपनी तरफ से किसी तरह का लॉकडाउन नहीं घोषित कर पाएंगी। केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी होगी।


किसी राज्य के अंदर या दूसरे राज्य से आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।


 

*नए दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएं*


MHA के परामर्श से, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MOHUA) / रेल मंत्रालय (MOR) द्वारा श्रेणीबद्ध तरीके से 7 सितंबर 2020 से मेट्रो रेल को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में, MOHUA द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जाएगी।


सामाजिक / शैक्षणिक / खेल / मनोरंजन / सांस्कृतिक / धार्मिक / राजनीतिक कार्यों और अन्य सभाओं में 21 सितंबर 2020 से 100 व्यक्तियों की छत के साथ अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इस तरह के सीमित समारोहों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने के साथ आयोजित किया जा सकता है, सामाजिक गड़बड़ी, थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोने या सैनिटाइज़र के लिए प्रावधान।


21 सितंबर 2020 से ओपन एयर थिएटरों को खोलने की अनुमति होगी।


राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक परामर्श के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि 30 सितंबर 2020 तक छात्रों और नियमित कक्षा गतिविधि के लिए स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। ऑनलाइन / दूरस्थ शिक्षा की अनुमति दी जाएगी और जारी रहेगी प्रोत्साहित रहो। हालाँकि, निम्नलिखित अनुमति दी जाएगी केवल २१ सितंबर २०२० से प्रभावी होने पर, कंटेनर जोन के बाहर के क्षेत्रों में, जिसके लिए SOP स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा जारी किया जाएगा:


राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में 50% तक शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ को ऑनलाइन शिक्षण / टेली काउंसलिंग और संबंधित कार्य के लिए एक समय में स्कूलों में बुलाया जा सकता है।


कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए, स्वैच्छिक आधार पर, केवल कंटेनर जोन से बाहर के क्षेत्रों में अपने स्कूलों का दौरा करने की अनुमति दी जा सकती है। यह उनके माता-पिता / अभिभावकों की लिखित सहमति के अधीन होगा।

राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या राज्य कौशल विकास मिशनों या भारत सरकार या राज्य सरकारों के अन्य मंत्रालयों के साथ पंजीकृत लघु प्रशिक्षण केंद्रों में कौशल या उद्यमिता प्रशिक्षण की अनुमति दी जाएगी।


राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD), भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE) और उनके प्रशिक्षण प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी।


उच्च शिक्षा संस्थानों में केवल अनुसंधान विद्वानों (पीएचडी) और तकनीकी और व्यावसायिक कार्यक्रमों के स्नातकोत्तर छात्रों के लिए प्रयोगशाला / प्रायोगिक कार्यों की आवश्यकता होती है। उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई) द्वारा एमएचए के परामर्श से, स्थिति के आकलन के आधार पर, और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में सीओवीआईडी ​​-19 की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी जाएगी।


*निम्नलिखित गतिविधियों को छोड़कर, सभी गतिविधियों को नियंत्रण क्षेत्र के बाहर अनुमति दी जाएगी:*


(i) सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर (ओपन एयर थिएटर को छोड़कर) और इसी तरह के स्थान।

(ii) MHA द्वारा अनुमति के अलावा यात्रियों की अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा।


30 सितंबर, 2020 तक कंटेनर जोन में लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया जाएगा।


ट्रांसमिशन जोन की श्रृंखला को प्रभावी ढंग से तोड़ने के उद्देश्य से MoHFW के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखने के बाद जिला स्तर पर सूक्ष्म स्तर पर कंटेनर जोन का सीमांकन किया जाएगा। इन रोकथाम क्षेत्रों में सख्त रोकथाम उपायों को लागू किया जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।

नियंत्रण क्षेत्र के भीतर, सख्त परिधि नियंत्रण बनाए रखा जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।


ये कंटेनर ज़ोन संबंधित जिला कलेक्टरों की वेबसाइट पर और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अधिसूचित किए जाएंगे और जानकारी भी MOHFW के साथ साझा की जाएगी।


राज्यों को कंटेनर ज़ोन के बाहर किसी भी स्थानीय लॉकडाउन को लागू करने के लिए नहीं

राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश सरकारें केंद्र सरकार के पूर्व परामर्श के बिना, किसी भी स्थानीय लॉकडाउन (राज्य / जिला / उप-विभाग / शहर / गाँव स्तर) को, ज़ोन के बाहर नहीं लगाएंगी।

 

अंतर-राज्य और अंतर-राज्य आंदोलन पर कोई प्रतिबंध नहीं


व्यक्तियों और वस्तुओं के अंतर-राज्य और अंतर-राज्य आंदोलन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के आंदोलनों के लिए अलग से अनुमति / अनुमोदन / ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।

8.29.2020

Bihar Police SI & Sergeant Online Form 2020 | Last Date of Registration – 24-September-2020

 Bihar Police SI & Sergeant Online Form 2020 (2213 Posts)

Starting Date – 16-August-2020

Bihar Police SI & Sergeant Online
                                    Download Official Notice


• Last Date of Registration – 24-September-2020


• Fee Payment Last Date – 24-September-2020

General / EWS /EBC/BC – Rs.700/-


• SC/ST – Rs.400/-



• The candidate can pay the exam fee through online by credit card or debit card or net banking.

AGE LIMIT

(As on 01/August/2020)


Minimum Age  20 Years


Maximum Age – 37 Years (Male)


Maximum Age – 40 Years (Female)


Age Relaxation (Upper Age Limit)- As Per Rule

Post Name  SI (Sub Inspector) & Sergeant

Category Wise Post Details-:

Sub Inspector – 1998 Posts                                    Sergeant – 215 Posts

General – 724 Post                                                    General – 86 Post

                        EWS – 199 Post                                                         EWS – 21 Post                  

BC – 280 Post                                                             BC – 26 Post

EBC – 387 Post                                                          EBC – 39 Pos

SC – 333 Post                                                            SC – 34 Post

ST – 17 Post                                                               ST – 02 Post

BC Female – 58 Post                                                BC Female – 07 Post

Pay Scale – Rs. 35,400/- – 1,12,400/- ( Level – 6)



Educational Qualification – Candidates having Bachelor’s Degree in Any Stream From Any Recognized University in India will be considered for this post.

Physical Details:-

Height – 

Male – General/ OBC – 165 Cms 

Male – EBC/SC/ST : 160 CMS

Female – 155 Cms

Chest – 79 Cms – 84 Cms (Male)

Running

Male – 1 Mile (1600 Mtr) in 06 Min. 30 Second

Female – 1 Km in 6 Minutes.

High Jump

Male – 04 Feet 

Female – 03 Feet

Long Jump 

Male – 12 Feet

Female – 09 Feet

Gola Fek

Male – 16 Pound Gola Through 16 Feet

Female – 12 Pound Gola Through 10 Feet

How to Apply For BPSSC Bihar Police SI & Sergeant Online Form 2020  Interested candidates can apply through link provided below or they can also apply through official site of the BPSSC before 24/September/2020.

Requisites of Online Application Form-:

Photograph

Signature

Mode of Selection for BPSSC Bihar Police SI & Sergeant Online Form 2020 – Selection Will be based on -:

Prelims / Mains Examination

PET

PST

Medical Examination

Army 12th pass student's Technical Entry Scheme Join Indian Army Online Form 2020

 Army 12th pass student's Technical Entry Scheme Join Indian Army Online Form 2020

indian army job 2020


Application Begin : 10/08/2020

Last Date for Apply Online : 09/09/2020