Railway MCF Apprentice Recruitment (Raebareli) 2020
Railway MCF Apprentice Recruitment |
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1. शुरुआत में योग करते समय हमेशा योग विशेषज्ञ के देखरेख में ही योग करे और पूर्णतः प्रशिक्षित होने के बाद ही अकेले योग करे। 2. योग से जुड़ा कोई भी प्रश्न मन में हो तो विशेषज्ञ से जरूर पूछे। 3. योग करना का सबसे बेहतर समय सुबह का होता हैं। सुबह सूर्योदय होने के आधा घंटे पहले से लेकर सूर्योदय होने के 1 घंटे बाद तक का समय विशेष लाभदायक होता हैं। 4. सुबह योग करने से पहले आपका पेट साफ होना आवश्यक हैं। 5. नहाने के 20 मिनिट पहले या बाद में योग नहीं करटे बाद ही करे।
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हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन महीने को देवों के देव महादेव भगवान शंकर का महीना माना जाता है। इस संबंध में पौराणिक कथा है कि जब सनत कुमारों ने महादेव से उन्हें सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव भगवान शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था। अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया, जिसके बाद ही महादेव के लिए यह विशेष हो गया।
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केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) की ओर से बिहार पुलिस में निकाली गई सिपाही की 8415 भर्तियों के लिए आवेदन की प्रकिया शुरू हो गई है। 12वीं पास युवा ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती से बिहार पुलिस, बिहार सैन्य पुलिस, विशेषीकृत इंडिया रिजर्व वाहिनी, बिहार राज्य औद्योगिक सुरक्षा वाहिनी के खाली पदों को भरा जाएगा। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 14 दिसंबर 2020 है।
बिहार पुलिस में निकाली गई सिपाही की 8415 भर्तियों के लिए आवेदन |
CIBIL क्या है? यह क्या करता है? | सिबिल स्कोर के बेहतर होने के हैं कई फायदे, कर्ज और क्रेडिट कार्ड लेने में रहती है आसानी
सिबिल स्कोर से पिछले कर्ज की जानकारी मिलती है। इसलिए बैंक से कर्ज और क्रेडिट कार्ड लेने के लिए अच्छा सिबिल स्कोर होना जरूरी होता है। नियमित कर्ज चुकाने से क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है।
सिबिल स्कोर 300 से 900 अंकों के बीच होता है। अगर स्कोर 750 अंक या उसके का होता है तो ज्यादा पर कर्ज मिलना आसान होता है। जितना अच्छा सिबिल स्कोर होता है, उतनी ही आसानी से कर्ज मिलता है।
सिबिल स्कोर 24 महीने की क्रेडिट हिस्ट्री के हिसाब से बनता है।
1) सिबिल स्कोर से जुड़ी खास बातें...
आजकल कई तरह की वेबसाइट हैं जो सिबिल स्कोर के बारे में जानकारी देती हैं। फिर भी सिबिल की वेबसाइट पर जाना बेहतर रहता है। इसके लिए cibil.com वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। यहां से फॉर्म डाउनलोड भी कर सकते हैं।
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इसके लिए आपको 200/300 रुपये का भुगतान 12 महीनेके लिए करना होगा। इसमे 12 रिपोर्ट देख सकते हैं हर महीने मे एक बार इसमें एक बार ऑथेंटिकेशन प्रोसेस होगी और उस प्रोसेस के बाद आप सिबिल स्कोर और रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं। यह सिबिल स्कोर आपके ईमेल पर भी आएगा।
सिबिल रिपोर्ट सुधारने के लिए आपको समय पर अपने बिलों का भुगतान करते रहना चाहिए। अगर आप लगातार 6 महीने तक वक्त में कर्ज चुकाते हैं, तो सिबिल रिपोर्ट में सुधार देखने को मिल सकता है। आपको अपने क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट और बकाया रकम को कम रखना चाहिए।
क्रेडिट कार्ड से ज्यादा लोन नहीं लेना चाहिए और ना ही बहुत सारे लोन के लिए आवेदन करना चाहिए। होम लोन, ऑटो लोन जैसे सिक्योर्ड लोन को ज्यादा अहमियत देनी चाहिए और अनसिक्योर्ड लोन लेने से बचना चाहिए।
आपको अपना क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने से बचना चाहिए और लगातार अपने ज्वाइंट अकाउंट खातों की, सिबिल स्कोर की समीक्षा करते रहना चाहिए।
30% सिबिल स्कोर इस बात पर निर्भर करता है कि आप वक्त पर कर्ज चुका रहे हैं या नहीं। 25% सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड लोन पर, 25%क्रेडिट एक्सपोजर पर और 20% कर्ज के इस्तेमाल पर निर्भर करता है।
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CIBIL क्या है? यह क्या करता है?
CIBIL Limited, भारत की पहली क्रेडिट इन्फ़ॉर्मेशन कंपनी है, जिसे आमतौर पर क्रेडिट ब्यूरो के तौर पर भी संदर्भित किया जाता है. हम ऋणों और क्रेडिट कार्ड के संबंध में व्यक्तियों और वाणिज्यिक निकायों के भुगतान का रिकॉर्ड एकत्रित करते हैं और उसे बनाए रखते हैं.
यह रिकॉर्ड हमें बैंक और दूसरे ऋणदाताओं द्वारा मासिक आधार पर सबमिट किए जाते हैं; इस जानकारी का उपयोग करके व्यक्ति का CIBIL स्कोर और रिपोर्ट विकसित की जाती है, जिससे ऋणदाता, ऋण के आवेदनों का मूल्यांकन करते हैं और उन्हें स्वीकृति देते हैं.
क्रेडिट ब्यूरो को RBI द्वारा लाइसेंस दिया जाता है और उसका नियंत्रण क्रेडिट इन्फ़ॉर्मेशन कंपनीज़ (विनियम) अधिनियम 2005 द्वारा किया जाता है.
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मेरे लोन की मंजूरी पाने के लिए मेरा क्रेडिट स्कोर क्यों महत्वपूर्ण हैं?
CIBIL स्कोर, ऋण आवेदन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. आवेदक द्वारा आवेदन फ़ॉर्म भरने और उसे ऋणदाता को सौंपने के बाद, ऋणदाता सबसे पहले आवेदक के CIBIL स्कोर और रिपोर्ट की जांच करता है. अगर CIBIL स्कोर कम है, तो हो सकता है कि ऋणदाता आगे आवेदन पर विचार ही न करे और उसे उसी समय अस्वीकार कर सकता है. अगर CIBIL स्कोर अधिक है, तो ऋणदाता आवेदन को देखेगा और यह तय करने के लिए कि क्या आवेदक क्रेडिट देने योग्य है, उसके अन्य विवरणों पर विचार करेगा. CIBIL स्कोर, ऋणदाता के लिए शुरुआती इम्प्रेशन के तौर पर काम करता है, स्कोर जितना अधिक होगा, आपके ऋण की समीक्षा होने और स्वीकृत होने की संभावनाएं उतनी ही बेहतर होंगीं. ऋण दिए जाने का फैसला पूरी तरह ऋणदाता पर निर्भर है और CIBIL किसी भी मामले में यह फैसला नहीं करता है कि ऋण/क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति दी जानी चाहिए या नहीं.
अपने क्रेडिट स्कोर को मैं कैसे सुधार सकता हूँ?
आप अच्छा क्रेडिट इतिहास बरकरार रखते हुए अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं. इसे कर्जदाताओं द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जा सकता है और इसे 6 सरल नियमों के साथ किया जा सकता है :
हमेशा अपनी देय राशि समय पर अदा करें.
विलंबित भुगतानों को देनदारों द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जाता है.
अपने बैलेंस हमेशा कम रखें.
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अत्यधिक क्रेडिट का उपयोग करना हमेशा उचित नहीं होता, अपने इस उपयोग को नियंत्रित रखें.
क्रेडिट का स्वस्थ मेल बरकरार रखें.
संरक्षित (जैसे होम लोन, ऑटो लोन) और असंरक्षित लोन्स (जैसे पसर्नल लोन, क्रेडिट कार्डस) का स्वस्थ मेल रखना बेहतर है. बहुत अधिक असंरक्षित लोन्स को नकारात्मक रूप से देखा जा सकता है.
नए क्रेडिट का आवेदन मध्यम तरीके से करें.
आप क्रेडिट को अत्यधिक आवश्यकता के रूप में नहीं दिखाएं, नई क्रेडिट के लिए सावधानी से आवेदन करें.
अपने सह हस्ताक्षरकर्ता, गारंटीशुदा और संयुक्त अकाउंट्स की निगरानी मासिक रूप से करें.
सह- हस्ताक्षरकर्ता, गारंटीशुदा या संयुक्त रूप से धारित खातों में हुए गलत भुगतानों के लिए आपको बराबर का जिम्मेदार माना जाता है. आपके सह धारक (या गारंटीड व्यक्ति) की लापरवाही आपके ज़रूरत के समय में क्रेडिट पाने के लिए आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकती है.
पूरे वर्ष अपने क्रेडिट इतिहास की बार-बार समीक्षा करते रहें.
लोन आवेदन की अस्वीकृति जैसे दुर्भाग्यपूर्ण प्रसंगों को टालने के लिए समय-समय पर अपनी सीआईआर खरीदते रहें.
मेरे क्रेडिट स्कोर को कौन से प्रमुख कारक प्रभावित करते हैं?
CIBIL स्कोर, आपके क्रेडिट इतिहास की 3 अंकों का सांख्यिक सारांश है, जिसे आपकी CIBIL रिपोर्ट पर मौजूद 'खाते' और 'पूछताछ' अनुभागों में मिलने वाले विवरण का उपयोग करके प्राप्त किया जाता है और यह 300 से 900 के बीच होता है.
आपका स्कोर 900 के जितना करीब होता है, आपके ऋण आवेदन के स्वीकृत होने की उतनी ही ज़्यादा संभावनाएं होती हैं.
4 maor factors
. क्या CIBIL मेरे रिकॉर्ड को हटा सकता है या उसमें बदलाव कर सकता है?
CIBIL आपकी CIR में प्रदर्शित रिकॉर्ड को हटा नहीं सकता या उसमें बदलाव नहीं कर सकता है; हम सिर्फ़ अपने सदस्यों (बैंकों और वित्तीय संस्थानों) द्वारा हमें दिए गए व्यक्तियों के रिकॉर्ड को एकत्रित करते हैं. इसमें कोई ‘अच्छा’ और ‘खराब’ क्रेडिट या डिफ़ॉल्टर की सूची भी नहीं होती है.
जब मेरा स्कोर "NA" या "NH” होता है, तो इसका क्या मतलब होता है?
“NA” या “NH” का स्कोर होना किसी भी तरह से खराब बिल्कुल नहीं है. इसका मतलब नीचे दिए गए आशय में से कोई एक हो सकता है:
आपके पास कोई क्रेडिट इतिहास नहीं है या आपके पास स्कोर बताने के लिए कोई क्रेडिट इतिहास नहीं है यानी आप क्रेडिट सिस्टम में नए हैं.
पिछले कुछ वर्षों में आपकी कोई क्रेडिट गतिविधि नहीं है
आपके पास सभी एड-ऑन क्रेडिट कार्ड हैं और आपका कोई भी क्रेडिट एक्सपोज़र नहीं है
यह नोट करना महत्वपूर्ण है कि जबकि इन स्कोर को ऋणदाता द्वारा नकारात्मक रूप से नहीं देखा जा सकता है, फिर भी कुछ ऋणदाताओं की क्रेडिट नीति उन्हें “NA” या “NH” (ऐसे आवेदक जिनका कोई भी क्रेडिट ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है)
स्कोर वाले आवेदकों को ऋण प्रदान करने से रोकती है. इसलिए, हो सकता है कि किसी अन्य स्थान पर ऋण के लिए आवेदन करने पर आपके लिए बेहतर संभावनाएं मौजूद हों.
सिबिल ट्रांसयूनियन स्कोर 2.0 क्या है?
CIBIL स्कोर 2.0, CIBIL स्कोर का नया, अपडेट किया गया संस्करण है, जिसे उपभोक्ता की प्रोफ़ाइल और क्रेडिट डेटा के मौजूदा रुझानों और बदलावों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है.
बैंक तेज़ी से नए संस्करण पर स्विच कर रहे हैं और हो सकता है कि पुराने संस्करण से तुलना करने पर आपको नए संस्करण में अंतर दिखाई दे (यानी, हो सकता है कि स्कोर 2.0, पुराने संस्करण के मुकाबले कम हो).
कृपया ध्यान दें, डैशबोर्ड पर प्रदर्शित स्कोर, पुराना संस्करण है. हालांकि, क्रेडिट स्कोर में इस अंतर से ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया के दौरान क्रेडिट से जुड़े फैसलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
क्योंकि ऋण के आवेदन को प्रोसेस करते समय स्कोर के दोनों संस्करणों की पात्रता सीमा अलग अलग हो सकती है. ऋणदाता, जिस संस्करण का उपयोग कर रहे हैं, उस पर निर्भर करते हुए उनका ऋण योग्यता का मापदंड अलग-अलग हो सकता है.
CIBIL स्कोर 2.0 में उन व्यक्तियों के लिए जोखिम इंडेक्स स्कोर सीमा भी प्रस्तुत की गई है, जिनका क्रेडिट इतिहास 6 माह से कम समय का है. इन व्यक्तियों को पुराने संस्करण में
“कोई इतिहास नहीं– NH” की श्रेणी के तहत श्रेणीबद्ध किया गया था. इस स्कोर की सीमा 1 – 5 है, जिसमें 1 “उच्च जोखिम” को और 5 “कम जोखिम” दर्शाता है.
स्कोर और इंडेक्स
व्याख्या (यानी यह स्कोर किन लोगों के लिए प्रदर्शित होता है)
NA या NH
· व्यक्ति का कोई क्रेडिट इतिहास नहीं है; इसलिए हमें कोई भी जानकारी रिपोर्ट नहीं की गई है
· व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट में सिर्फ़ पूछताछ हो सकती है यानी बैंकों ने क्रेडिट रिपोर्ट को एक्सेस किया है लेकिन उसे कोई भी ऋण नहीं दिया हो
· उस व्यक्ति के लिए हमें पिछले 24 महीनों में क्रेडिट की कोई जानकारी रिपोर्ट नहीं की गई हो
1-5
· व्यक्ति का क्रेडिट इतिहास 6 माह से कम अवधि पहले का हो
· यह इंडेक्स जितना उच्च होगा, जोखिम उतना ही कम होगा
300-900
· व्यक्ति का क्रेडिट इतिहास 6 माह से ज़्यादा अवधि का है और उसके क्रेडिट इतिहास की जानकारी हमें पिछले 24 माह में की गई हो
· यह स्कोर जितना उच्च होगा, जोखिम उतना ही कम होगा
CIBIL KYA HAI ? CIBIL KAHA CHECK HOGA ? CIBIL CHECK KARNE KA KYA CHARGE HAI ? CIBIL KE FAYDE ?
आवेदक ककसी भी इंटरनेट सु ववधा केन्द्र से ऑनलाइन प्रवेश फार्म वेबसाईट द्वारा भर सकता है।
आवेदक पंजीकरण हेतु Home Page पर उपलब्ध पंजीकरण
बटन पर Click करे। पंजीकरण फार्म को सफलता...
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गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।
इसका वानस्पिक नाम( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं। आइए जानते हैं गिलोय के फायदे…
गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।
अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।
गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।
यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।
गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।
गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।
मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।
गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।
अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन
भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।
कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।
गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।
यौनेच्छा बढ़ाती है गिलोय
आप बगैर किसी दवा के यौनेच्छा बढ़ाना चाहते हैं तो गिलोय का सेवन कर सकते हैं। गिलोय में यौनेच्छा बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं, जिससे यौन संबंध बेहतर होते हैं।
गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….
गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।
बालों की समस्या भी होगी दूर
अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।
गिलोय का प्रयोग ऐसे करें:-
अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है…
गिलोय जूस
गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।
काढ़ा
चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।
पाउडर
यूं तो गिलोय पाउडर बाजार में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।
गिलोय वटी
बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।
साथ में अलग-अलग बीमारियों में आएगी काम
अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।चीनी के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।
साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान
वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए। *गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय का प्रयोग ना करने दें आप .
_एक निवेदन :---अभी वर्षाऋतु का काल है अपने घर में, बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें एवं स्वजनों को भी देवें. यह बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय अवदान है ।
ड्राइविंग करना तो सबका शौक होता है आपको जैसे ही गाडी चलाना आ जाती है आप वैसे ही अपना ड्राइविंग लाईसेंस अप्लाई कर देते है लेकिन वाही कुछ लोग ओसेसे भी होते है जो अपना ड्राइविंग लाईसेंस पाने के लिए बेचोलिये की मदद लेते है और ये बिचोलिये बिना किसिस टेस्ट के इन्हें इनका ड्राइविंग लाईसेंस प्रोवाइड करवा देते है !
लेकिन अब यातायात परिवहन विभाग ने बड़ा फेरबदल किया है अब आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है तो इसके लिए आपको गाड़ी चलाना भी आना चाहिए। जी हां, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में जल्द ही इंदौर की तर्ज पर ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर बनेगा। जिससे उन लोगों के ही ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेंगे जिन्हें गाड़ी चलाना आता होगा। अभी तक जो भी दलाल के माध्यम से लाइसेंस बनवाने पहुंचता था उसे गाड़ी चलाकर दिखाने की जरूरत नहीं होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
जिले में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में जाना होगा। यहां पर लाइसेंस बनवाने वाले व्यक्ति को इसी आधुनिक ट्रेक पर ही वाहन चलाना होगा। अगर आपका वाहन जरा भी ट्रेक को छुआ या बाहर आया, तो अकुशल मानकर लाइसेंस प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया से एक ओर अपात्र व्यक्ति का लाइसेंस नहीं बन सकेगा, वहीं दलालों के चंगुल से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी।
वहीं लोग ड्राइविंग टेस्ट के लिए ऑनलाइन ही अपाइंटमेंट लिया जा सकेगा और स्टेटस की जानकारी भी कभी भी प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही साथ अब लोगों के लर्निंग लाइसेंस लेने के लिए दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगा। सीधे घर पर ही आपका लाइसेंस पहुंच जाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने वाहन के रिन्यूवल की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दी है। जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस परमिट, पंजीयन प्रमाण पत्र सहित अन्य वाहनों के दस्तावेज शामिल हैं। इस बारे में परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने आदेश जारी किए हैं। अब दिसंबर महीने तक वे लोग चालान से बच सकेंगे जिनके दस्तावेज रिन्यूवल नहीं हो पाए हैं। हालांकि 31 दिसंबर तक हर हाल में ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस परमिट, पंजीयन प्रमाण पत्र बनवाना होगा।
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किसी भी देश पर शासन करना है तो उस देश के लोगों का ऐसा ब्रेनवाश कर दो कि वो अपने देश, अपनी संसकृति और अपने पूर्वजों पर गर्व करना छोड़ दें । इस्लामी हमलावरों और उनके बाद अंग्रेजों ने भी भारत में यही किया. हम अपने पूर्वजों पर गर्व करना भूलकर उन अत्याचारियों को महान समझने लगे जिन्होंने भारत पर बे हिसाब जुल्म किये थे ।
अगर आप दिल्ली घुमने गए है तो आपने कभी विष्णू स्तम्भ (क़ुतुबमीनार) को भी अवश्य देखा होगा. जिसके बारे में बताया जाता है कि उसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनबाया था. हम कभी जानने की कोशिश भी नहीं करते हैं कि कुतुबुद्दीन कौन था, उसने कितने बर्ष दिल्ली पर शासन किया, उसने कब विष्णू स्तम्भ (क़ुतुबमीनार) को बनवाया या विष्णू स्तम्भ (कुतूबमीनार) से पहले वो और क्या क्या बनवा चुका था ?
दो खरीदे हुए गुलाम
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कुतुबुद्दीन ऐबक, मोहम्मद गौरी का खरीदा हुआ गुलाम था. मोहम्मद गौरी भारत पर कई हमले कर चुका था मगर हर बार उसे हारकर वापस जाना पडा था. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की जासूसी और कुतुबुद्दीन की रणनीति के कारण मोहम्मद गौरी, तराइन की लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान को हराने में कामयाबी रहा और अजमेर / दिल्ली पर उसका कब्जा हो गया ।
ढाई दिन का झोपड़ा
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अजमेर पर कब्जा होने के बाद मोहम्मद गौरी ने चिश्ती से इनाम मांगने को कहा. तब चिश्ती ने अपनी जासूसी का इनाम मांगते हुए, एक भव्य मंदिर की तरफ इशारा करके गौरी से कहा कि तीन दिन में इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना कर दो. तब कुतुबुद्दीन ने कहा आप तीन दिन कह रहे हैं मैं यह काम ढाई दिन में कर के आपको दूंगा ।
कुतुबुद्दीन ने ढाई दिन में उस मंदिर को तोड़कर मस्जिद में बदल दिया. आज भी यह जगह "अढाई दिन का झोपड़ा" के नाम से जानी जाती है. जीत के बाद मोहम्मद गौरी, पश्चिमी भारत की जिम्मेदारी "कुतुबुद्दीन" को और पूर्वी भारत की जिम्मेदारी अपने दुसरे सेनापति "बख्तियार खिलजी" (जिसने नालंदा को जलाया था) को सौंप कर वापस चला गय था ।
दोनों गुलाम को शासन
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कुतुबुद्दीन कुल चार साल ( 1206 से 1210 तक) दिल्ली का शासक रहा. इन चार साल में वो अपने राज्य का विस्तार, इस्लाम के प्रचार और बुतपरस्ती का खात्मा करने में लगा रहा. हांसी, कन्नौज, बदायूं, मेरठ, अलीगढ़, कालिंजर, महोबा, आदि को उसने जीता. अजमेर के विद्रोह को दबाने के साथ राजस्थान के भी कई इलाकों में उसने काफी आतंक मचाय ।
विष्णु स्तम्भ
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जिसे क़ुतुबमीनार कहते हैं वो महाराजा वीर विक्रमादित्य की वेदशाला थी. जहा बैठकर खगोलशास्त्री वराहमिहर ने ग्रहों, नक्षत्रों, तारों का अध्ययन कर, भारतीय कैलेण्डर "विक्रम संवत" का आविष्कार किया था. यहाँ पर 27 छोटे छोटे भवन (मंदिर) थे जो 27 नक्षत्रों के प्रतीक थे और मध्य में विष्णू स्तम्भ था, जिसको ध्रुव स्तम्भ भी कहा जाता था ।
दिल्ली पर कब्जा करने के बाद उसने उन 27 मंदिरों को तोड दिया. विशाल विष्णु स्तम्भ को तोड़ने का तरीका समझ न आने पर उसने उसको तोड़ने के बजाय अपना नाम दे दिया. तब से उसे क़ुतुबमीनार कहा जाने लगा. कालान्तर में यह यह झूठ प्रचारित किया गया कि क़ुतुब मीनार को कुतुबुद्दीन ने बनबाया था. जबकि वो एक विध्वंशक था न कि कोई निर्माता.
कुतुबुद्दीन ऐबक की मौत का सच
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अब बात करते हैं कुतुबुद्दीन की मौत की. इतिहास की किताबो में लिखा है कि उसकी मौत पोलो खेलते समय घोड़े से गिरने पर से हुई. ये अफगान / तुर्क लोग "पोलो" नहीं खेलते थे, पोलो खेल अंग्रेजों ने शुरू किया. अफगान / तुर्क लोग बुजकशी खेलते हैं जिसमे एक बकरे को मारकर उसे लेकर घोड़े पर भागते है, जो उसे लेकर मंजिल तक पहुंचता है, वो जीतता है ।
कुतबुद्दीन ने अजमेर के विद्रोह को कुचलने के बाद राजस्थान के अनेकों इलाकों में कहर बरपाया था. उसका सबसे कडा विरोध उदयपुर के राजा ने किया, परन्तु कुतुबद्दीन उसको हराने में कामयाब रहा. उसने धोखे से राजकुंवर कर्णसिंह को बंदी बनाकर और उनको जान से मारने की धमकी देकर, राजकुंवर और उनके घोड़े शुभ्रक को पकड कर लाहौर ले आया.
एक दिन राजकुंवर ने कैद से भागने की कोशिश की, लेकिन पकड़ा गया. इस पर क्रोधित होकर कुतुबुद्दीन ने उसका सर काटने का हुकुम दिया. दरिंदगी दिखाने के लिए उसने कहा कि बुजकशी खेला जाएगा लेकिन इसमें बकरे की जगह राजकुंवर का कटा हुआ सर इस्तेमाल होगा. कुतुबुद्दीन ने इस काम के लिए, अपने लिए घोड़ा भी राजकुंवर का "शुभ्रक" चुना.
कुतुबुद्दीन "शुभ्रक" घोडे पर सवार होकर अपनी टोली के साथ जन्नत बाग में पहुंचा. राजकुंवर को भी जंजीरों में बांधकर वहां लाया गया. राजकुंवर का सर काटने के लिए जैसे ही उनकी जंजीरों को खोला गया, शुभ्रक घोडे ने उछलकर कुतुबुद्दीन को अपनी पीठ से नीचे गिरा दिया और अपने पैरों से उसकी छाती पर कई बार किये, जिससे कुतुबुद्दीन वहीं पर मर गया ।
शुभ्रत मरकर भी अमर हो गया
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इससे पहले कि सिपाही कुछ समझ पाते राजकुवर शुभ्रक घोडे पर सवार होकर वहां से निकल गए. कुतुबुदीन के सैनिको ने उनका पीछा किया मगर वो उनको पकड न सके. शुभ्रक कई दिन और कई रात दौड़ता रहा और अपने स्वामी को लेकर उदयपुर के महल के सामने आ कर रुका. वहां पहुंचकर जब राजकुंवर ने उतर कर पुचकारा तो वो मूर्ति की तरह शांत खडा रहा ।
वो मर चुका था, सर पर हाथ फेरते ही उसका निष्प्राण शरीर लुढ़क गया. कुतुबुद्दीन की मौत और शुभ्रक की स्वामिभक्ति की इस घटना के बारे में हमारे स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाता है लेकिन इस घटना के बारे में फारसी के प्राचीन लेखकों ने काफी लिखा है. धन्य है भारत की भूमि जहाँ इंसान तो क्या जानवर भी अपनी स्वामी भक्ति के लिए प्राण दांव पर लगा देते हैं ।
-साभार
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यदि वे आपकी कॉल नहीं उठाते हैं, तो मान लें कि इस वक्त उनके पास कुछ महत्वपूर्ण कार्य है।
, ट्रैन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की सिम निकालने की पिन है??"
उसने अपने बैग से एक फोन निकाला था, और नया सिम कार्ड उसमें डालना चाहती थी। लेकिन सिम स्लॉट खोलने के लिए पिन की जरूरत पड़ती है जो उसके पास नहीं थी। मैंने हाँ में गर्दन हिलाई और अपने क्रॉस बेग से पिन निकालकर लड़की को दे दी। लड़की ने थैंक्स कहते हुए पिन ले ली और सिम डालकर पिन मुझे वापिस कर दी।
थोड़ी देर बाद वो फिर से इधर उधर ताकने लगी, मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने पूछ लिया "कोई परेशानी??"
वो बोली सिम स्टार्ट नहीं हो रही है, मैंने मोबाइल मांगा, उसने दिया। मैंने उसे कहा कि सिम अभी एक्टिवेट नहीं हुई है, थोड़ी देर में हो जाएगी। और एक्टिव होने के बाद आईडी वेरिफिकेशन होगा उसके बाद आप इसे इस्तेमाल कर सकेंगी।
मैंने कहा " आजकल सिम वेरिफिकेशन के बाद एक्टिव होती है, जिस नाम से ये सिम उठाई गई है उसका ब्यौरा पूछा जाएगा बता देना"
लड़की बुदबुदाई "ओह्ह "
मैंने दिलासा देते हुए कहा "इसमे कोई परेशानी की कोई बात नहीं"
वो अपने एक हाथ से दूसरा हाथ दबाती रही, मानो किसी परेशानी में हो। मैंने फिर विन्रमता से कहा "आपको कहीं कॉल करना हो तो मेरा मोबाइल इस्तेमाल कर लीजिए"
लड़की ने कहा "जी फिलहाल नहीं, थैंक्स, लेकिन ये सिम किस नाम से खरीदी गई है मुझे नहीं पता"
मैंने कहा "एक बार एक्टिव होने दीजिए, जिसने आपको सिम दी है उसी के नाम की होगी"
उसने कहा "ओके, कोशिश करते हैं"
मैंने पूछा "आपका स्टेशन कहाँ है??"
लड़की ने कहा "दिल्ली"
और आप?? लड़की ने मुझसे पूछा
मैंने कहा "दिल्ली ही जा रहा हूँ, एक दिन का काम है,
आप दिल्ली में रहती हैं या...?"
लड़की बोली "नहीं नहीं, दिल्ली में कोई काम नहीं , ना ही मेरा घर है वहाँ"
तो ???? मैंने उत्सुकता वश पूछा
वो बोली "दरअसल ये दूसरी ट्रेन है, जिसमे आज मैं हूँ, और दिल्ली से तीसरी गाड़ी पकड़नी है, फिर हमेशा के लिए आज़ाद"
आज़ाद??
मुझे फिर जिज्ञासा हुई किस कैद में थी ये कमसिन अल्हड़ सी लड़की..
लड़की बोली, उसी कैद में थी जिसमें हर लड़की होती है। जहाँ घरवाले कहे शादी कर लो, जब जैसा कहे वैसा करो। मैं घर से भाग चुकी हुँ..
मुझे ताज्जुब हुआ मगर अपने ताज्जुब को छुपाते हुए मैंने हंसते हुए पूछा "अकेली भाग रही हैं आप? आपके साथ कोई नजर नहीं आ रहा? "
वो बोली "अकेली नहीं, साथ में है कोई"
कौन? मेरे प्रश्न खत्म नहीं हो रहे थे
दिल्ली से एक और ट्रेन पकड़ूँगी, फिर अगले स्टेशन पर वो जनाब मिलेंगे, और उसके बाद हम किसी को नहीं मिलेंगे..
ओह्ह, तो ये प्यार का मामला है।
उसने कहा "जी"
मैंने उसे बताया कि 'मैंने भी लव मैरिज की है।'
ये बात सुनकर वो खुश हुई, बोली "वाओ, कैसे कब?" लव मैरिज की बात सुनकर वो मुझसे बात करने में रुचि लेने लगी
मैंने कहा "कब कैसे कहाँ? वो मैं बाद में बताऊंगा पहले आप बताओ आपके घर में कौन कौन है?
उसने होशियारी बरतते हुए कहा " वो मैं आपको क्यों बताऊं? मेरे घर में कोई भी हो सकता है, मेरे पापा माँ भाई बहन, या हो सकता है भाई ना हो सिर्फ बहने हो, या ये भी हो सकता है कि बहने ना हो और 2-4 गुस्सा करने वाले बड़े भाई हो"
मतलब मैं आपका नाम भी नहीं पूछ सकता "मैंने काउंटर मारा"
वो बोली, 'कुछ भी नाम हो सकता है मेरा, टीना, मीना, रीना, कुछ भी'
बहुत बातूनी लड़की थी वो.. थोड़ी इधर उधर की बातें करने के बाद उसने मुझे टॉफी दी जैसे छोटे बच्चे देते हैं क्लास में,
बोली आज मेरा बर्थडे है।
मैंने उसकी हथेली से टॉफी उठाते बधाई दी और पूछा "कितने साल की हुई हो?"
वो बोली "18"
वो "हंसी"
कुछ ही देर में काफी फ्रैंक हो चुके थे हम दोनों। जैसे बहुत पहले से जानते हो एक दूसरे को..
मैंने उसे बताया कि "मेरी उम्र 35 साल है, यानि 17 साल बड़ा हुँ"
उसने चुटकी लेते हुए कहा "लग तो नही रहे हो"
मैं मुस्कुरा दिया
मैंने उसे पूछा "तुम घर से भागकर आई हो, तुम्हारे चेहरे पर चिंता के निशान जरा भी नहीं है, इतनी बेफिक्री मैंने पहली बार देखी"
खुद की तारीफ सूनकर वो खुश हुई, बोली "मुझे उन जनाब ने मेरे लवर ने पहले से ही समझा दिया था कि जब घर से निकलो तो बिल्कुल बिंदास रहना, घरवालों के बारे में बिल्कुल मत सोचना, बिल्कुल अपना मूड खराब मत करना, सिर्फ मेरे और हम दोनों के बारे में सोचना और मैं वही कर रही हूँ"
मैंने फिर चुटकी ली, कहा "उसने तुम्हे मुझ जैसे अनजान मुसाफिरों से दूर रहने की सलाह नहीं दी?"
उसने हंसकर जवाब दिया "नहीं, शायद वो भूल गया होगा ये बताना"
मैंने उसके प्रेमी की तारीफ करते हुए कहा " वैसे तुम्हारा बॉय फ्रेंड काफी टेलेंटेड है, उसने किस तरह से तुम्हे अकेले घर से रवाना किया, नई सिम और मोबाइल दिया, तीन ट्रेन बदलवाई.. ताकि कोई ट्रेक ना कर सके, वेरी टेलेंटेड
पर्सन"
लड़की ने हामी भरी, " बोली बहुत टेलेंटेड है वो, उसके जैसा कोई नहीं"
मैंने उसे बताया कि "मेरी शादी को 10 साल हुए हैं, एक बेटी है 8 साल की और एक बेटा 1 साल का, ये देखो उनकी तस्वीर"
मेरे फोन पर बच्चों की तस्वीर देखकर उसके मुंह से निकल गया "सो क्यूट"
मैंने उसे बताया कि "ये जब पैदा हुई, तब मैं कुवैत में था, एक पेट्रो कम्पनी में बहुत अच्छी जॉब थी मेरी, बहुत अच्छी सेलेरी थी.. फिर कुछ महीनों बाद मैंने वो जॉब छोड़ दी, और अपने ही कस्बे में काम करने लगा।"
लड़की ने पूछा जॉब क्यों छोड़ी??
मैंने कहा "बच्ची को पहली बार गोद में उठाया तो ऐसा लगा जैसे मेरी दुनिया मेरे हाथों में है, 30 दिन की छुट्टी पर घर आया था, वापस जाना था लेकिन जा ना सका। इधर बच्ची का बचपन खर्च होता रहे उधर मैं पूरी दुनिया कमा लूं, तब भी घाटे का सौदा है। मेरी दो टके की नौकरी, बचपन उसका लाखों का.."
लड़की ने कहा "वेरी इम्प्रेसिव"
मैं मुस्कुराकर खिड़की की तरफ देखने लगा
लड़की ने पूछा "अच्छा आपने तो लव मैरिज की थी न,फिर आप भागकर कहाँ गए??
कैसे रहे और कैसे गुजरा वो वक्त??
उसके हर सवाल और हर बात में मुझे महसूस हो रहा था कि ये लड़की लकड़पन के शिखर पर है, बिल्कुल नासमझ और मासूम छोटी बहन सी।
मैंने उसे बताया कि हमने भागकर शादी नहीं की, और ये भी है कि उसके पापा ने मुझे पहली नजर में सख्ती से रिजेक्ट कर दिया था।"
उन्होंने आपको रिजेक्ट क्यों किया?? लड़की ने पूछा
मैंने कहा "रिजेक्ट करने का कुछ भी कारण हो सकता है, मेरी जाति, मेरा काम,,घर परिवार,
"बिल्कुल सही", लड़की ने सहमति दर्ज कराई और आगे पूछा "फिर आपने क्या किया?"
मैंने कहा "मैंने कुछ नहीं किया,उसके पिता ने रिजेक्ट कर दिया वहीं से मैंने अपने बारे में अलग से सोचना शुरू कर दिया था। खुशबू ने मुझे कहा कि भाग चलते हैं, मेरी वाइफ का नाम खुशबू है..मैंने दो टूक मना कर दिया। वो दो दिन तक लगातार जोर देती रही, कि भाग चलते हैं। मैं मना करता रहा.. मैंने उसे समझाया कि "भागने वाले जोड़े में लड़के की इज़्ज़त पर पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता, जबकि लड़की के पूरे कुल की इज्ज़त धुल जाती है। भगाने वाला लड़का उसके दोस्तों में हीरो माना जाता है लेकिन इसके विपरीत जो लड़की प्रेमी संग भाग रही है वो कुल्टा कहलाती है, मुहल्ले के लड़के उसे चालू कहते है । बुराइयों के तमाम शब्दकोष लड़की के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। भागने वाली लड़की आगे चलकर 60 साल की वृद्धा भी हो जाएगी तब भी जवानी में किये उस कांड का कलंक उसके माथे पर से नहीं मिटता। मैं मानता हूँ कि लड़का लड़की को तौलने का ये दोहरा मापदंड गलत है, लेकिन हमारे समाज में है तो यही , ये नजरिया गलत है मगर सामाजिक नजरिया यही है,
वो अपने नीचे का होंठ दांतो तले पीसने लगी, उसने पानी की बोतल का ढक्कन खोलकर एक घूंट पिया।
मैंने कहा अगर मैं उस दिन उसे भगा ले जाता तो उसकी माँ तो शायद कई दिनों तक पानी भी ना पीती। इसलिए मेरी हिम्मत ना हुई कि ऐसा काम करूँ.. मैं जिससे प्रेम करूँ उसके माँ बाप मेरे माँ बाप के समान ही है। चाहे शादी ना हो, तो ना हो।
कुछ पल के लिए वो सोच में पड़ गई , लेकिन मेरे बारे में और अधिक जानना चाहती थी, उसने पूछा "फिर आपकी शादी कैसे हुई???
मैंने बताया कि " खुशबू की सगाई कहीं और कर दी गई थी। धीरे धीरे सबकुछ नॉर्मल होने लगा था। खुशबू और उसके मंगेतर की बातें भी होने लगी थी फोन पर, लेकिन जैसे जैसे शादी नजदीक आने लगी, उन लोगों की डिमांड बढ़ने लगी"
डिमांड मतलब 'लड़की ने पूछा'
डिमांड का एक ही मतलब होता है, दहेज की डिमांड। परिवार में सबको सोने से बने तोहफे दो, दूल्हे को लग्जरी कार चाहिए, सास और ननद को नेकलेस दो वगैरह वगैरह, बोले हमारे यहाँ रीत है। लड़का भी इस रीत की अदायगी का पक्षधर था। वो सगाई मैंने तुड़वा डाली..इसलिए नही की सिर्फ मेरी शादी उससे हो जाये बल्कि ऐसे लालची लोगों में खुशबू कभी खुश नही रह सकती थी ना उसका परिवार, फिर किसी तरह घरवालों को समझा बुझा कर मैं फ्रंट पर आ गया और हमारी शादी हो गई। ये सब किस्मत की बात थी..
लड़की बोली "चलो अच्छा हुआ आप मिल गए, वरना वो गलत लोगों में फंस जाती"
मैंने कहा "जरूरी नहीं कि माता पिता का फैसला हमेशा सही हो, और ये भी जरूरी नहीं कि प्रेमी जोड़े की पसन्द सही हो.. दोनों में से कोई भी गलत या सही हो सकता है..काम की बात यहाँ ये है कि कौन ज्यादा वफादार है।"
लड़की ने फिर से पानी का घूंट लिया और मैंने भी.. लड़की ने तर्क दिया कि "हमारा फैसला गलत हो जाए तो कोई बात नहीं, उन्हें ग्लानि नहीं होनी चाहिए"
मैंने कहा "फैसला ऐसा हो जो दोनों का हो,बच्चो और माता पिता दोनों की सहमति, वो सबसे सही है। बुरा मत मानना मैं कहना चाहूंगा कि तुम्हारा फैसला तुम दोनों का है, जिसमे तुम्हारे पेरेंट्स शामिल नहीं है, ना ही तुम्हे इश्क का असली मतलब पता है अभी"
उसने पूछा "क्या है इश्क़ का सही अर्थ?"
मैंने कहा "तुम इश्क में हो, तुम अपना सबकुछ छोड़क
र चली आई ये सच्चा इश्क़ है, तुमने दिमाग पर जोर नहीं दिया ये इश्क है, फायदा नुकसान नहीं सोचा ये इश्क है...तुम्हारा दिमाग़ दुनियादारी के फितूर से बिल्कुल खाली था, उस खाली जगह में इश्क का फितूर भर दिया गया। जिन जनाब ने इश्क को भरा क्या वो इश्क में नहीं है.. यानि तुम जिसके साथ जा रही हो वो इश्क में नहीं, बल्कि होशियारी हीरोगिरी में है। जो इश्क में होता है वो इतनी प्लानिंग नहीं कर पाता है, तीन ट्रेनें नहीं बदलवा पाता है, उसका दिमाग इतना काम ही नहीं कर पाता.. कोई कहे मैं आशिक हुँ, और वो शातिर भी हो ये नामुमकिन है।
मजनू इश्क में पागल हो गया था, लोग पत्थर मारते थे उसे, इश्क में उसकी पहचान तक मिट गई। उसे दुनिया मजनू के नाम से जानती है जबकि उसका असली नाम कैस था जो नहीं इस्तेमाल किया जाता। वो शातिर होता तो कैस से मजनू ना बन पाता। फरहाद ने शीरीं के लिए पहाड़ों को खोदकर नहर निकाल डाली थी और उसी नहर में उसका लहू बहा था, वो इश्क़ था। इश्क़ में कोई फकीर हो गया, कोई जोगी हो गया, किसी मांझी ने पहाड़ तोड़कर रास्ता निकाल लिया..किसी ने अतिरिक्त दिमाग़ नहीं लगाया..चालाकी नही की
लालच ,हवस और हासिल करने का नाम इश्क़ नहीं है.. इश्क समर्पण करने को कहते हैं जिसमें इंसान सबसे पहले खुद का समर्पण करता है, जैसे तुमने किया, लेकिन तुम्हारा समर्पण हासिल करने के लिए था, यानि तुम्हारे इश्क में लालच की मिलावट हो गई ।
लकड़ी अचानक से खो सी गई.. उसकी खिलख़िलाहट और लपड़ापन एकदम से खमोशी में बदल गया.. मुझे लगा मैं कुछ ज्यादा बोल गया, फिर भी मैंने जारी रखा, मैंने कहा " प्यार तुम्हारे पापा तुमसे करते हैं, कुछ दिनों बाद उनका वजन आधा हो जाएगा, तुम्हारी माँ कई दिनों तक खाना नहीं खाएगी ना पानी पियेगी.. जबकि आपको अपने आशिक को आजमा कर देख लेना था, ना तो उसकी सेहत पर फर्क पड़ता, ना दिमाग़ पर, वो अक्लमंद है, अपने लिए अच्छा सोच लेता।
आजकल गली मोहल्ले के हर तीसरे लौंडे लपाटे को जो इश्क हो जाता है, वो इश्क नहीं है, वो सिनेमा जैसा कुछ है। एक तरह की स्टंटबाजी, डेरिंग, अलग कुछ करने का फितूर..और कुछ नहीं।
लड़की का चेहरे का रंग बदल गया, ऐसा लग रहा था वो अब यहाँ नहीं है, उसका दिमाग़ किसी अतीत में टहलने निकल गया है। मैं अपने फोन को स्क्रॉल करने लगा.. लेकिन मन की इंद्री उसकी तरफ थी।
थोड़ी ही देर में उसका और मेरा स्टेशन आ गया.. बात कहाँ से निकली थी और कहाँ पहुँच गई.. उसके मोबाइल पर मैसेज टोन बजी, देखा, सिम एक्टिवेट हो चुकी थी.. उसने चुपचाप बैग में से आगे का टिकट निकाला और फाड़ दिया.. मुझे कहा एक कॉल करना है, मैंने मोबाइल दिया.. उसने नम्बर डायल करके कहा "सोरी पापा, और सिसक सिसक कर रोने लगी, सामने से पिता भी फोन पर बेटी को संभालने की कोशिश करने लगे.. उसने कहा पिताजी आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं घर आ रही हूँ..दोनों तरफ से भावनाओ का सागर उमड़ पड़ा"
हम ट्रेन से उतरे, उसने फिर से पिन मांगी, मैंने पिन दी.. उसने मोबाइल से सिम निकालकर तोड़ दी और पिन मुझे वापस कर दिया
कहानी को अंत तक पढ़ने का धन्यवाद।
देश की सभी बेटियों को समर्पित-
ये मेरा दावा है माता पिता से ज्यादा तुम्हे दुनिया मे कोई प्यार नहीं करता।
नोट:- # प्यार_अंधा_होता_है
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कंटेनर जोन के बाहर के क्षेत्रों में अधिक गतिविधियों को खोलने के लिए आज नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। 1 सितंबर 2020 से लागू होने वाले अनलॉक 4 में, गतिविधियों के फिर से खोलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। आज जारी किए गए नए दिशानिर्देश, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त फीडबैक और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के साथ व्यापक विचार-विमर्श पर आधारित हैं।
– 30 सितंबर तक बंद रहेंगे स्कूल और कॉलेज
– 7 सितंबर से मेट्रो सेवा शुरू करने की इजाज़त
– 100 लोगों की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, खेलकूद और मनोरंजक सभाएं करने की अनुमति
– ओपन एयर थियेटर यानी सर्कस आदि शुरू हो सकेंगे
– 21 सितंबर से 9वीं से 12 कक्षा के बच्चे चाहें तो अध्यापक से दिशानिर्देश लेने के लिए स्कूल जा सकेंगे
– मास्टर डिग्री और पीएचडी के छात्र प्रयोगशालाओं में जा सकेंगे
21 सितंबर से शादी और अंतिम संस्कार में 100 लोग शामिल हो सकेंगे
सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क आदि बंद रहेंगे
– राज्य सरकारें अपनी तरफ से किसी तरह का लॉकडाउन नहीं घोषित कर पाएंगी। केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी होगी।
किसी राज्य के अंदर या दूसरे राज्य से आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
MHA के परामर्श से, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MOHUA) / रेल मंत्रालय (MOR) द्वारा श्रेणीबद्ध तरीके से 7 सितंबर 2020 से मेट्रो रेल को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में, MOHUA द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जाएगी।
सामाजिक / शैक्षणिक / खेल / मनोरंजन / सांस्कृतिक / धार्मिक / राजनीतिक कार्यों और अन्य सभाओं में 21 सितंबर 2020 से 100 व्यक्तियों की छत के साथ अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इस तरह के सीमित समारोहों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने के साथ आयोजित किया जा सकता है, सामाजिक गड़बड़ी, थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोने या सैनिटाइज़र के लिए प्रावधान।
21 सितंबर 2020 से ओपन एयर थिएटरों को खोलने की अनुमति होगी।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक परामर्श के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि 30 सितंबर 2020 तक छात्रों और नियमित कक्षा गतिविधि के लिए स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। ऑनलाइन / दूरस्थ शिक्षा की अनुमति दी जाएगी और जारी रहेगी प्रोत्साहित रहो। हालाँकि, निम्नलिखित अनुमति दी जाएगी केवल २१ सितंबर २०२० से प्रभावी होने पर, कंटेनर जोन के बाहर के क्षेत्रों में, जिसके लिए SOP स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा जारी किया जाएगा:
राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में 50% तक शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ को ऑनलाइन शिक्षण / टेली काउंसलिंग और संबंधित कार्य के लिए एक समय में स्कूलों में बुलाया जा सकता है।
कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए, स्वैच्छिक आधार पर, केवल कंटेनर जोन से बाहर के क्षेत्रों में अपने स्कूलों का दौरा करने की अनुमति दी जा सकती है। यह उनके माता-पिता / अभिभावकों की लिखित सहमति के अधीन होगा।
राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या राज्य कौशल विकास मिशनों या भारत सरकार या राज्य सरकारों के अन्य मंत्रालयों के साथ पंजीकृत लघु प्रशिक्षण केंद्रों में कौशल या उद्यमिता प्रशिक्षण की अनुमति दी जाएगी।
राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD), भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE) और उनके प्रशिक्षण प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी।
उच्च शिक्षा संस्थानों में केवल अनुसंधान विद्वानों (पीएचडी) और तकनीकी और व्यावसायिक कार्यक्रमों के स्नातकोत्तर छात्रों के लिए प्रयोगशाला / प्रायोगिक कार्यों की आवश्यकता होती है। उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई) द्वारा एमएचए के परामर्श से, स्थिति के आकलन के आधार पर, और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में सीओवीआईडी -19 की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी जाएगी।
(i) सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर (ओपन एयर थिएटर को छोड़कर) और इसी तरह के स्थान।
(ii) MHA द्वारा अनुमति के अलावा यात्रियों की अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा।
30 सितंबर, 2020 तक कंटेनर जोन में लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया जाएगा।
ट्रांसमिशन जोन की श्रृंखला को प्रभावी ढंग से तोड़ने के उद्देश्य से MoHFW के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखने के बाद जिला स्तर पर सूक्ष्म स्तर पर कंटेनर जोन का सीमांकन किया जाएगा। इन रोकथाम क्षेत्रों में सख्त रोकथाम उपायों को लागू किया जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
नियंत्रण क्षेत्र के भीतर, सख्त परिधि नियंत्रण बनाए रखा जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
ये कंटेनर ज़ोन संबंधित जिला कलेक्टरों की वेबसाइट पर और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अधिसूचित किए जाएंगे और जानकारी भी MOHFW के साथ साझा की जाएगी।
राज्यों को कंटेनर ज़ोन के बाहर किसी भी स्थानीय लॉकडाउन को लागू करने के लिए नहीं
राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश सरकारें केंद्र सरकार के पूर्व परामर्श के बिना, किसी भी स्थानीय लॉकडाउन (राज्य / जिला / उप-विभाग / शहर / गाँव स्तर) को, ज़ोन के बाहर नहीं लगाएंगी।
व्यक्तियों और वस्तुओं के अंतर-राज्य और अंतर-राज्य आंदोलन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के आंदोलनों के लिए अलग से अनुमति / अनुमोदन / ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।
Bihar Police SI & Sergeant Online Form 2020 (2213 Posts)
Starting Date – 16-August-2020
• Last Date of Registration – 24-September-2020
• Fee Payment Last Date – 24-September-2020
General / EWS /EBC/BC – Rs.700/-
• SC/ST – Rs.400/-
• The candidate can pay the exam fee through online by credit card or debit card or net banking.
AGE LIMIT
(As on 01/August/2020)
Minimum Age 20 Years
Maximum Age – 37 Years (Male)
Maximum Age – 40 Years (Female)
Age Relaxation (Upper Age Limit)- As Per Rule
Post Name – SI (Sub Inspector) & Sergeant
Category Wise Post Details-:
Sub Inspector – 1998 Posts Sergeant – 215 Posts
General – 724 Post General – 86 Post
EWS – 199 Post EWS – 21 Post
BC – 280 Post BC – 26 Post
EBC – 387 Post EBC – 39 Pos
SC – 333 Post SC – 34 Post
ST – 17 Post ST – 02 Post
BC Female – 58 Post BC Female – 07 Post
Pay Scale – Rs. 35,400/- – 1,12,400/- ( Level – 6)
Educational Qualification – Candidates having Bachelor’s Degree in Any Stream From Any Recognized University in India will be considered for this post.
Physical Details:-
Height –
Male – General/ OBC – 165 Cms
Male – EBC/SC/ST : 160 CMS
Female – 155 Cms
Chest – 79 Cms – 84 Cms (Male)
Running
Male – 1 Mile (1600 Mtr) in 06 Min. 30 Second
Female – 1 Km in 6 Minutes.
High Jump
Male – 04 Feet
Female – 03 Feet
Long Jump
Male – 12 Feet
Female – 09 Feet
Gola Fek
Male – 16 Pound Gola Through 16 Feet
Female – 12 Pound Gola Through 10 Feet
How to Apply For BPSSC Bihar Police SI & Sergeant Online Form 2020 – Interested candidates can apply through link provided below or they can also apply through official site of the BPSSC before 24/September/2020.
Requisites of Online Application Form-:
Photograph
Signature
Mode of Selection for BPSSC Bihar Police SI & Sergeant Online Form 2020 – Selection Will be based on -:
Prelims / Mains Examination
PET
PST
Medical Examination
Army 12th pass student's Technical Entry Scheme Join Indian Army Online Form 2020
Application Begin : 10/08/2020
Last Date for Apply Online : 09/09/2020
*सिबिल पहला और सबसे बड़ा क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो है - जिसकी स्थापना 2000 में हुई थी RBI द्वारा •
*सिबिल एक कंपनी है जो बैंकों, ऋण से उधारकर्ताओं के क्रेडिट इतिहास पर जानकारी एकत्र करती है(बैंक संस्थानों और क्रेडिट कार्ड कंपनियों का)•
आप सभी को छात्रों के लिए पैन कार्ड के बारे में जानना चाहिए
स्थायी खाता संख्या PAN NUMBER जिसे आमतौर पर पैन कहा जाता है, भारत के पहचान प्रमाण के आधिकारिक दस्तावेजों में से एक है!
जो सभी आय-प्राप्त व्यक्तियों या गैर-व्यक्तियों द्वारा उपयोग किया जाता है। साथ ही, यह उन छात्रों द्वारा आगे पहुँचा जा सकता है जो 18 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। भारत सरकार ने सभी व्यक्तियों के लिए पैन कार्ड रखना अनिवार्य कर दिया है जिसमें छात्रों के लिए भी पैन कार्ड शामिल है। यह एक पहचान प्रमाण के रूप में कार्य कर सकता है और इसका उपयोग छात्रों को घरेलू या विदेश में अध्ययन करने के लिए शिक्षा ऋण लेने के लिए भी किया जा सकता है।
जैसा कि पैन कार्ड वयस्कों और नाबालिगों दोनों के पास हो सकता है, छात्रों के लिए पैन कार्ड स्कूल पहचान पत्र के वैकल्पिक पहचान प्रमाण के रूप में कार्य कर सकता है। इसलिए, छात्रों को पैन कार्ड जारी करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह भविष्य के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
यहां बताया गया है कि छात्र पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे कर सकते हैं
पैन कार्ड छात्रों के लिए बेहतर जीवन पाने के लिए कई लाभ के साथ आता है और भविष्य की संभावना से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पैन कार्ड भारत के आयकर विभाग द्वारा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की देखरेख में जारी किया जाता है। पैन कार्ड की ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए, यूटीआईआईटीएसएल और एनएसडीएल छात्रों के लिए आवेदन करने के लिए सबसे प्रामाणिक प्लेटफार्म हैं। नीचे बताए गए चरणों का पालन करना आवश्यक है
Step1: NSDL या UTIISL की वेबसाइट पर जाएं
https://tin.tin.nsdl.com/pan/index.html या http://www.myutiitsl.com/PANONLINE
चरण 2: यदि आप एक नए आवेदक हैं, तो आपको फॉर्म 49 ए भरना होगा। आवश्यक जानकारी को ध्यान से भरने और समान जमा करने के बाद, आवेदक को 15 अंकों का एक पावती नंबर प्राप्त होगा। आवेदक को भविष्य के कदमों के लिए मुद्रित फॉर्म को सहेजने और प्राप्त करने की आवश्यकता है।
चरण 3: आवेदक को पैन कार्ड के प्रसंस्करण के लिए शुल्क जमा करना होगा। यदि आवेदक भारत का है, तो उन्हें Application 110 [आवेदन शुल्क + 93.00 + 18.00% GST] का भुगतान करने की आवश्यकता है और भारत के बाहर आवेदन करने वाले छात्रों को [1020 [आवेदन शुल्क .00 93.00 + 18.00% GST / डिस्पैच चार्ज ₹ 771.00] का भुगतान करने की आवश्यकता है। पैन कार्ड जारी करने के लिए भुगतान को मुंबई में देय डेबिट / क्रेडिट कार्ड या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से संसाधित किया जा सकता है
चरण 4: अपने दो-हाल के पासपोर्ट आकार के फोटो को आवश्यक हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान के साथ मुद्रित फॉर्म (पावती कॉपी) के साथ संलग्न करें। आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, जन्मतिथि का प्रमाण और पैन के भुगतान का प्रमाण संलग्न करें और इसे आयकर विभाग को भेजें।
चरण 5: सफल प्रस्तुत करने के बाद, आवेदक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह फॉर्म जमा करने के 15 दिनों के भीतर आयकर कार्यालय पहुंच जाए।
चरण 6: आयकर कार्यालय पहुंचने के बाद, यह केवल आयकर विभाग द्वारा CBDT की देखरेख में जारी किया जाएगा।
आवेदक अपने पैन को उसी प्रक्रिया से अपडेट करवा सकते हैं। आवेदक को प्रक्रिया को निष्पादित करने के लिए "पैन विवरण में परिवर्तन या सुधार" पर क्लिक करने की आवश्यकता है। अगर यूटीआईआईटीएसएल या एनएसडीएल की वेबसाइट पर जाकर आवेदक अपना नाम बदल सकता है, तो गलत पता या पता या जन्मतिथि पा सकता है।
छात्र ऑफलाइन के लिए पैन कार्ड लागू करने की प्रक्रिया
वे छात्र जो पैन कार्ड रखने के इच्छुक हैं, लेकिन ऑनलाइन सुविधा के बारे में नहीं जानते हैं, वे ऑफ़लाइन काम कर सकते हैं। भारत में रहने के लिए आवेदकों को समान फॉर्म 49A भरना होगा। पैन कार्ड प्राप्त करने के इच्छुक कई व्यक्तियों द्वारा पारंपरिक कागजी पद्धति का पालन किया जाता है। नीचे छात्रों के लिए पैन कार्ड ऑफ़लाइन लागू करने के चरण दिए गए हैं:
चरण 1: NSDL या UTIITSL की वेबसाइट से फॉर्म 49A की एक प्रति डाउनलोड करें
Step 2: Depending on the age at the time of applying the form, tick the option for a Minor PAN card as given in the form.
Step 3: Carefully fill the form and submit along with the documents required and duly signed or with thumb impression at the nearest TIN facilitation center.
Step 4: You will receive an acknowledgment copy from the center and PAN card will be issued by the Income Tax Department of India after the application is verified and processed by the concerned authorities.
Credit Score affects your Loan & Credit Card Eligibility
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Documents required for possessing PAN Card for Students
For availing PAN Card, students should carry following documents:
Passport-sized photograph
Proof of Identity-
Students can submit any of the following documents as a proof of identity:
Passport Copy
Aadhaar Card Copy
Driving Licence Copy
Voter ID copy
Ration Card Copy
Bank Certificate duly signed by Branch Manager
Proof Of Address –
Any one of the following documents can be submitted by students as a Proof of Address:
Passport Copy
Aadhaar Card Copy
Driving Licence Copy
Voter ID copy
Ration Card Copy
Bank Certificate duly signed by Branch Manager
Bank Account Statement (Not more than 3 months)
Electricity/Gas connection/ Telephone Bill (Not more than 3 months)
Post office pass book containing the applicant’s address
Credit Card Statement
Benefits of Having PAN Card for Students
1. Proof of Identity: PAN card act as an official document for identification proof that one belongs to country of India. It is one of the universally accepted proof both by government institutions as well as private institutions.
2. Applying for loan: Many of the students who want to study further or want to go abroad and suffer from financial crisis, can use PAN card for raising loan from banks or any financial institutions. For getting loans PAN card requirement is a must.
3. Validity: Once a student applies for PAN card, it goes unchanged and does not require any change or replacement. This document individuals to link all their financial transactions through one single identity card.
भारत एक और विभाजन के कगार पर
कन्हैयालाल एम तलरेजा आर.एस. स्वामीनारायण द्वारा लिखित
😴 😴 👉 Night Story 👈 😴 😴
🙏 क्यों कोसता है खुद को🙏
✍ संतों की एक सभा चल रही थी...
किसी ने एक दिन एक घड़े में गंगाजल भरकर वहां रखवा दिया ताकि संत जन जब प्यास लगे तो गंगाजल पी सकें...
संतों की उस सभा के बाहर एक व्यक्ति खड़ा था. उसने गंगाजल से भरे घड़े को देखा तो उसे तरह-तरह के विचार आने लगे...
वह सोचने लगा- अहा ! यह घड़ा कितना भाग्यशाली है...???
एक तो इसमें किसी तालाब पोखर का नहीं बल्कि गंगाजल भरा गया और दूसरे यह अब सन्तों के काम आयेगा... । संतों का स्पर्श मिलेगा, उनकी सेवा का अवसर मिलेगा. ऐसी किस्मत किसी किसी की ही होती है...
घड़े ने उसके मन के भाव पढ़ लिए और घड़ा बोल पड़ा- बंधु मैं तो मिट्टी के रूप में शून्य पड़ा सिर्फ मिट्टी का ढेर था...
किसी काम का नहीं था. कभी ऐसा नहीं लगता था कि भगवान् ने हमारे साथ न्याय किया है...
फिर एक दिन एक कुम्हार आया. उसने फावड़ा मार-मारकर हमको खोदा और मुझे बोरी में भर कर गधे पर लादकर अपने घर ले गया ।
वहां ले जाकर हमको उसने रौंदा, फिर पानी डालकर गूंथा, चाकपर चढ़ाकर तेजी से घुमाया, फिर गला काटा, फिर थापी मार-मारकर बराबर किया । बात यहीं नहीं रूकी, उसके बाद आंवे के आग में झोंक दिया जलने को...
इतने कष्ट सहकर बाहर निकला तो गधे पर लादकर उसने मुझे बाजार में भेजने के लिए लाया गया . वहां भी लोग मुझे ठोक-ठोककर देख रहे थे कि ठीक है कि नहीं ?
ठोकने-पीटने के बाद मेरी कीमत लगायी भी तो क्या- बस 20 से 30 रुपये...
मैं तो पल-पल यही सोचता रहा कि हे ईश्वर सारे अन्याय मेरे ही साथ करना था...
रोज एक नया कष्ट एक नई पीड़ा देते हो. मेरे साथ बस अन्याय ही अन्याय होना लिखा है...
लेकिन ईश्वर की योजना कुछ और ही थी,
किसी सज्जन ने मुझे खरीद लिया और जब मुझमें गंगाजल भरकर सन्तों की सभा में भेज दिया...
तब मुझे आभास हुआ कि कुम्हार का वह फावड़ा चलाना भी उसकी☝ की कृपा थी...
उसका मुझे वह गूंथना भी उसकी ☝ की कृपा थी...
मुझे आग में जलाना भी उसकी☝ की मौज थी...
और...
बाजार में लोगों के द्वारा ठोके जाना भी भी उसकी☝ ही मौज थी...
अब मालूम पड़ा कि मुझ पर सब उस परमात्मा की कृपा ही कृपा थी... 😇
👉 दरसल बुरी परिस्थितिया हमें इतनी विचलित कर देती हैं कि हम उस परमात्मा के अस्तित्व पर भी प्रश्न उठाने लगते हैं और खुद को कोसने लगते हैं , क्यों हम सबमें शक्ति नहीं होती उसकी लीला समझने की...
कई बार हमारे साथ भी ऐसा ही होता है हम खुद को कोसने के साथ परमात्मा पर ऊँगली उठा कर कहते हैं कि उसने☝ ने मेरे साथ ही ऐसा क्यों किया ,
क्या मैं इतना बुरा हूँ ? और मलिक ने सारे दुःख तकलीफ़ें मुझे ही क्यों दिए । 😭
🙏 लेकिन सच तो ये है मालिक उन तमाम पत्थरों की भीड़ में से तराशने के लिए एक आप को चुना । अब तराशने में तो थोड़ी तकलीफ तो झेलनी ही पड़ती है।
आपकी जिंदगी बदल रहा है यह चैनल जुड़े रहे जोड़ते रहे और बेहतर समाज का निर्माण करते रहे। 💞
😴😴😴😴😴😴😴😴😴😴😴
⛅ *दिनांक 24 अगस्त 2020*
⛅ *दिन - सोमवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शरद*
⛅ *मास - भाद्रपद*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - षष्ठी दोपहर 02:31 तक तत्पश्चात सप्तमी*
⛅ *नक्षत्र - स्वाती शाम 03:20 तक तत्पश्चात विशाखा*
⛅ *योग - ब्रह्म रात्रि 12:30 तक तत्पश्चात इन्द्र*
⛅ *राहुकाल - सुबह 07:45 से सुबह 09:20 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:21*
⛅ *सूर्यास्त - 19:00*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - सूर्य षष्ठी*
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
➡ *25 अगस्त 2020 मंगलवार से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ*
🙏🏻 *भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक घर में अगर कोई महालक्ष्मी माता का पूजन करे और रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे तो उस के घर में लक्ष्मी बढ़ती जाती है…*
➡ *इस वर्ष ये योग 25 अगस्त 2020 मंगलवार से 10 सितम्बर 2020 गुरुवार तक है…*
🙏🏻 *1) महालक्ष्मी का पूजन करें .*
🌙 *2)रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देना कच्चे दूध(थोडासा) से फिर पानी से.. .*
🙏🏻 *3)महालक्ष्मी का मन्त्र जप करना.*
🌷 *ॐ श्रीं नमः*
🌷 *ॐ विष्णु प्रियाय नमः*
🌷 *ॐ महा लक्ष्मै नमः*
➡ *इन में से कोई भी एक जप करे..*
🙏🏻
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻 *स्कंदपुराण और दूसरे ग्रंथों में बात आयी है कि जिन लोगों के घर में सदैव आर्थिक परेशानी रहती है उनके लिए भाद्र शुक्ल अष्टमी (25 अगस्त, मंगलवार) के दिन से लेकर आश्विन कृष्ण अष्टमी (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी) माने 10 सितम्बर, गुरुवार तक महालक्ष्मी माता का पूजन विधान स्कंदपुराण, आदि ग्रंथो में बताया गया है और इस सरल विधान के अनुसार 17 दिनों में - 25 अगस्त से 10 सितम्बर तक नित्य प्रात: लक्ष्मी माता का सुमिरन करते हुए – ॐ लक्ष्मयै नम: ॐ लक्ष्मयै नम: ॐ लक्ष्मयै नम: मंत्र का 16 बार प्रति दिन जप करें और फिर लक्ष्मीमाता का पूजन करते हुए एक श्लोक पाठ करें । इससे समय, शक्ति खर्च नहीं होगी उल्टा पुण्य भी बढ़ेगा | श्लोक इस प्रकार है-*
🌷 *धनं धान्यं धराम हरम्यम, कीर्तिम आयुर्यश: श्रीयं,*
*दुर्गां दंतीन: पुत्रां, महालक्ष्मी प्रयच्छ मे '*
*"ॐ श्री महालक्ष्मये नमः" "ॐ श्री महालक्ष्मये नमः"*
🙏🏻
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏🚩🚩 *" ll जय श्री राम ll "* 🚩🚩
🙏🏻🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉