🌷 *वासना से मुक्ति का सहज और सरल मार्ग* 🌷
🕉श्री परमात्मने नमः।
🌅नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ
वासना रूपी काल |
"भगवन्नाम जप परम साध्य,परमानंदस्वरूप परमात्मा की प्राप्ति के पथ पर प्रारंभिक साधन भी है और अंतिम साधन भी। अच्छे भाव से,कुभाव से,क्रोध से या आलस्य से किसी भी तरह से यदि भगवान का नाम लिया जाता है तो जापक का दसों दिशाओं में मंगल-ही-मंगल होता है।"
एक कर्मचारी की पत्नी महारानी की प्रिय दासी थी। एक दिन उस कर्मचारी ने राजकुमारी को देखा तो उसे प्राप्त करने की तीव्र लालसा उसके मन में घर कर गयी व कामनापूर्ति के अनेक दुर्विचारों ने उसे घेर लिया। इस बात को जान के पतिव्रता दासी उदास रहने लगी।
महारानी को लगा कि दासी उससे कुछ छिपा रही है । महारानी ने उससे उदासी का कारण पूछा। बार-बार पूछने पर दासी ने डरते-डरते सब बता दिया। दासी को लगा अब हमें कड़ा दंड मिलेगा किंतु रानी सत्संगी थी,सत्संग से सन्मति प्राप्त हो गई थी। उसने सोच-विचार कर कहा :"तू घबरा मत। मैं राजकुमारी को प्रस्तुत करने को तैयार हूँ पर एक शर्त है - नगर की सीमा में स्थित बगीचे में तुम्हारा पति रहे और हर समय 'राम-राम'जपे,जो भेजूँ वह खाये तो छः माह बाद मैं राजकुमारी का हाथ उसके हाथ में दे दूँगी।"
दासी ने अपने पति को बताया वह तैयार हो गया। बगीचे में 'राम-राम' का जप शुरू कर दिया। महारानी उसे सात्विक भोजन,दूध-फल भेजती रही।
कुछ दिन तो मन राम नाम में लगा नहीं क्योंकि उसका ध्यान तो राजकुमारी में लगा था। किंतु उसे यह मालूम था कि बिना नाम-जप के राजकुमारी का मिलना असम्भव है। विवश होकर वह नाम-जप करता रहा। सतत अभ्यास का फल हुआ कि नाम-जप में उसे रस आने लगा। वह जितना अधिक नाम जपता,उतना अधिक उसे मधुर लगता।
अविराम नाम-जप से उसके मन-बुद्धि में बसे कुसंस्कारों की धूल हट गयी,दुर्विचार सद्विचारों में बदल गये। उसका मन पवित्र हुआ,वह संत स्वभाव हो गया। छः माह पूरे हुए।
🌺 *पय अहार फल खाइ जपु राम नाम षट मास।*
*सकल सुमंगल सिद्धि सब करतल तुलसीदास।।* 🌺
महारानी राजकुमारी सहित बगीचे में पधारी और जप में तल्लीन दासी के पति को कहा :"साधो" उसने आँखे खोलीं और महारानी के चरणों में मस्तक झुकाते हुए कहा :"महारानी जी इस देवी का विवाह किसी राजकुमार के साथ करें। राम नाम ने मेरी कुदृष्टि बदल दी और मेरा मातृत्व भाव जगा दिया।नाम-जप ने मेरी वासना को उपासना में बदल दिया,काम को राम में बदल दिया। आपने मेरी आँखें खोल दीं।"
🌹 *जहाँ राम तहँ नहीं काम,*
*जहाँ काम तहँ नहीं राम।*
*तुलसी दोनों रह न सकें,*
*रवि रजनी एक ठाम।।* 🌹
🍁💦🙏Զเधे👣Զเधे🙏🏻💦🍁
*☘🌷!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!💖*
*☘💞हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !!🌹💐*
÷सदैव जपिए एवँ प्रसन्न रहिए÷
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