8.22.2020

श्री राम मंदिर कि दिवारों पर अपना नाम खुदवाने के लिए करें ये छोटा काम और सदियों तक आपका नाम मंदिर के दिवारों पर रहेगा

श्री राम मंदिर कि दिवारों पर अपना नाम खुदवाने के लिए करें ये छोटा काम !

और सदियों तक आपका नाम मंदिर के दिवारों पर रहेगा

अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के बाद अब मंदिर निर्माण की कवायद तेज हो गई है। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की दीवारों पर सदियों के लिए नाम लिखवाने का एक बड़ा मौका है। बस इसलिए आपको तांबा दान करना होगा। रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने इसलिए भक्तों से तांबे की पत्तियां दान करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि तांबे की पत्तियों में लोग अपने या अपने परिवार के लोगों का नाम भी लिखवा सकते हैं।

Shree Ram Mandir Nirman


दरअसल, राम मंदिर निर्माण में किसी प्रकार के लोहे या सरिया का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। ट्रस्ट ने बताया है कि लोहे की जगह मंदिर निर्माण में तांबे की छडें प्रयोग होंगी, जिससे मंदिर सदियों तक खड़ी रहेगी। 

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ' मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लम्बी, 3 एमएम गहरी और 30 एमएण चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र श्रीरामभक्तों का आह्वान करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें।'

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निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है।


ट्रस्ट ने आगे कहा कि 'इन तांबे की पत्तियों पर दानकर्ता अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं। इस प्रकार से ये तांबे की पत्तियां न केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी, अपितु मन्दिर निर्माण में सम्पूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी।'

ट्रस्ट ने कहा कि श्री रामजन्मभूमि मंदिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकम्प, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो। मंदिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नही किया जाएगा।

ट्रस्ट ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के निर्माण हेतु कार्य प्रारंभ हो गया है। CBRI रुड़की और IIT मद्रास के साथ मिलकर निर्माणकर्ता कम्पनी L&T के अभियंता भूमि की मृदा के परीक्षण के कार्य में लगे हुए हैं। मंदिर निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है।

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