5.17.2019

आज का पंचांग हिन्दी में | Aaj ka punchang

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞


⛅ *दिनांक 18 मई 2019*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076 (गुजरात. 2075)*
⛅ *शक संवत -1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म*
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - पूर्णिमा 19 मई रात्रि 02:41 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
⛅ *नक्षत्र - विशाखा 19 मई प्रातः 02:23 तक तत्पश्चात अनुराधा*
⛅ *योग - वरीयान् शाम 03:12 तत्पश्चात परिघ*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:06 से सुबह 10:45 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:01*
⛅ *सूर्यास्त - 19:08*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - व्रत पूर्णिमा, वैशाख-बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख स्नान समाप्त, कूर्म जयंती*
💥 *विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
💥 *नौकरी - व्यवसाय में सफलता, आर्थिक समृद्धि एवं कर्ज मुक्ति हेतु कारगर प्रयोग शनिवार के दिन पीपल में दूध, गुड, पानी मिलाकर चढायें एवं प्रार्थना करें - 'हे प्रभु ! आपने गीता में कहा है कि वृक्षों में पीपल मैं  हूँ । हे भगवान ! मेरे जीवन में यह परेशानी है । आप कृपा करके मेरी यह परेशानी (परेशानी, दुःख का नाम लेकर ) दूर करने की कृपा करें । पीपल का स्पर्श करें व प्रदक्षिणा करें ।*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *श्रीमद्भागवत पुराण* 🌷
🙏🏻 *श्रीमद्भागवत पुराण हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इस ग्रंथ की रचना आज से लगभग 5000 साल पहले कर दी गई थी। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कलयुग में क्या-क्या घटित होगा इसकी भविष्यवाणी भागवत पुराण में पहले ही दे दी गई थी। जानिए श्रीमद्भागवत पुराण में की गई कलियुग से जुड़ी 10 भविष्यवाणियां..*
 1⃣ *ततश्चानुदिनं धर्मः सत्यं शौचं क्षमा दया ।*
*कालेन बलिना राजन् नङ्‌क्ष्यत्यायुर्बलं स्मृतिः ॥*
  💥 *अर्थ - कलयुग में धर्म, स्वच्छता, सत्यवादिता, स्मृति, शारीरक शक्ति, दया भाव और जीवन की अवधि दिन-दिन घटती जाएगी.*
2⃣  *वित्तमेव कलौ नॄणां जन्माचारगुणोदयः ।*
*धर्मन्याय व्यवस्थायां कारणं बलमेव हि ॥*
 💥 *अर्थ - कलयुग में वही व्यक्ति गुणी माना जायेगा जिसके पास ज्यादा धन है. न्याय और कानून सिर्फ एक शक्ति के आधार पे होगा !*   
  3⃣ *दाम्पत्येऽभिरुचि  र्हेतुः मायैव  व्यावहारिके ।*
*स्त्रीत्वे  पुंस्त्वे च हि रतिः विप्रत्वे सूत्रमेव हि ॥*
💥 *अर्थ - कलयुग में स्त्री-पुरुष बिना विवाह के केवल रूचि के अनुसार ही रहेंगे.*
*व्यापार की सफलता के लिए मनुष्य छल करेगा और ब्राह्मण सिर्फ नाम के होंगे.*
 4⃣ *लिङ्‌गं एवाश्रमख्यातौ अन्योन्यापत्ति कारणम् ।*
*अवृत्त्या न्यायदौर्बल्यं पाण्डित्ये चापलं वचः ॥*
💥 *अर्थ - घूस देने वाले व्यक्ति ही न्याय पा सकेंगे और जो धन नहीं खर्च करेगा  उसे न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खानी होंगी. स्वार्थी और चालाक लोगों को कलयुग में विद्वान माना जायेगा.*
5⃣ *क्षुत्तृड्भ्यां व्याधिभिश्चैव संतप्स्यन्ते च चिन्तया ।*
*त्रिंशद्विंशति वर्षाणि परमायुः कलौ नृणाम.।।*
 💥 *अर्थ - कलयुग में लोग कई तरह की चिंताओं में घिरे रहेंगे. लोगों को कई तरह की चिंताए सताएंगी और बाद में मनुष्य की उम्र घटकर सिर्फ 20-30 साल की रह जाएगी.*
6⃣ *दूरे वार्ययनं तीर्थं लावण्यं केशधारणम् ।*
*उदरंभरता स्वार्थः सत्यत्वे धार्ष्ट्यमेव हि॥*
  💥 *अर्थ - लोग दूर के नदी-तालाबों और पहाड़ों को तीर्थ स्थान की तरह जायेंगे लेकिन अपनी ही माता पिता का अनादर करेंगे. सर पे बड़े बाल रखना खूबसूरती मानी जाएगी और लोग पेट भरने के लिए हर तरह के बुरे काम करेंगे.*
  7⃣ *अनावृष्ट्या  विनङ्‌क्ष्यन्ति दुर्भिक्षकरपीडिताः ।* *शीतवातातपप्रावृड् हिमैरन्योन्यतः  प्रजाः ॥* 
💥 *अर्थ - कलयुग में बारिश नहीं पड़ेगी और हर जगह सूखा होगा.मौसम बहुत विचित्र अंदाज़ ले लेगा. कभी तो भीषण सर्दी होगी तो कभी असहनीय गर्मी. कभी आंधी तो कभी बाढ़ आएगी और इन्ही परिस्तिथियों से लोग परेशान रहेंगे.*
  8⃣ *अनाढ्यतैव असाधुत्वे साधुत्वे दंभ एव तु ।*
*स्वीकार एव चोद्वाहे स्नानमेव प्रसाधनम् ॥* 
💥 *अर्थ - कलयुग में जिस व्यक्ति के पास धन नहीं होगा उसे लोग अपवित्र, बेकार और अधर्मी मानेंगे. विवाह के नाम पे सिर्फ समझौता होगा और लोग स्नान को ही शरीर का शुद्धिकरण समझेंगे.*
9⃣  *दाक्ष्यं कुटुंबभरणं यशोऽर्थे धर्मसेवनम् ।*
*एवं प्रजाभिर्दुष्टाभिः आकीर्णे क्षितिमण्डले ॥*
💥 *अर्थ - लोग सिर्फ दूसरो के सामने अच्छा दिखने के लिए धर्म-कर्म के काम करेंगे. कलयुग में दिखावा बहुत होगा और पृथ्वी पे भृष्ट लोग भारी मात्रा में होंगे. लोग सत्ता या शक्ति हासिल करने के लिए किसी को मारने से भी पीछे नहीं हटेंगे.*
1⃣0⃣ *आच्छिन्नदारद्रविणा यास्यन्ति गिरिकाननम् ।*
*शाकमूलामिषक्षौद्र फलपुष्पाष्टिभोजनाः ॥*
  💥 *अर्थ - पृथ्वी के लोग अत्यधिक कर और सूखे के वजह से घर छोड़ पहाड़ों पे रहने के लिए मजबूर हो जायेंगे. कलयुग में ऐसा वक़्त आएगा जब लोग पत्ते, मांस, फूल और जंगली शहद जैसी चीज़ें खाने को मजबूर होंगे.*
          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
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