5.14.2019

Aaj ka hindu pnchang | आआज का हिन्दू पंचांग

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 15 मई 2019*
⛅ *दिन - बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076 (गुजरात. 2075)*

आज का हिन्दू पंचांग
Aaj ka hindu punchang


⛅ *शक संवत -1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म*
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - एकादशी सुबह 10:36 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी सुबह 07:17 तक तत्पश्चात चित्रा*
⛅ *योग - वज्र रात्रि  11:17 तत्पश्चात सिद्धि*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:23 से दोपहर 02:02 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:02*
⛅ *सूर्यास्त - 19:08*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - मोहिनी एकादशी, परशुराम-रुक्मिणी द्वादशी, विष्णुपदी संक्रांति  (पुण्यकाल सूर्योदय से दोपहर 11:30 तक )*
💥 *विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *मोहिनी एकादशी* 🌷
➡ *१५ मई : मोहिनी एकादशी ( उपवास से अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का नाश )*
               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *वैशाख मास की महापुण्यप्रद अंतिम तीन तिथियाँ*
➡ *17 एवं 18 मई  2019 वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन हैं ।*
🙏🏻 *श्रुकदेवजी राजा जनक से कहते हैं : ‘‘राजेन्द्र ! वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में जो अंतिम तीन पुण्यमयी तिथियाँ हैं – त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा । ये बडी पवित्र व शुभकारक हैं । इनका नाम ‘पुष्करिणी है, ये सब पापों का क्षय करनेवाली हैं । पूर्वकाल में वैशाख शुक्ल एकादशी को शुभ अमृत प्रकट हुआ । द्वादशी को भगवान विष्णु ने उसकी रक्षा की । त्रयोदशी को उन श्रीहरि ने देवताओं को सुधा-पान कराया । चतुर्दशी को देवविरोधी दैत्यों का संहार किया और पूर्णिमा के दिन समस्त देवताओं को उनका साम्राज्य प्राप्त हो गया ।*
🙏🏻 *इसलिए देवताओं ने संतुष्ट होकर इन तीन तिथियों को वर दिया : ‘वैशाख की ये तीन शुभ तिथियाँ मनुष्यों के पापों का नाश करनेवाली तथा उन्हें पुत्र-पौत्रादि फल देनेवाली हों ।*
🙏🏻 *जो संम्पूर्ण वैशाख में प्रातः पुण्यस्नान न कर सका हो, वह इन तिथियों में उसे कर लेने पर पूर्ण फल को ही पाता है । वैशाख में लौकिक कामनाओं को नियंत्रित करने पर मनुष्य निश्चय ही भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त कर लेता है ।*

             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *वैशाख मास के अंतिम ३ दिन दिलायें महापुण्य पुंज*
   🙏🏻  *‘स्कंद पुराण’ के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में अंतिम ३ दिन, त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियाँ बड़ी ही पवित्र और शुभकारक हैं | इनका नाम ‘ पुष्करिणी ’ हैं, ये सब पापों का क्षय करनेवाली हैं |  जो सम्पूर्ण वैशाख मास में ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हो, वह यदि इन ३ तिथियों में भी उसे करे तो वैशाख मास का पूरा फल पा लेता है |*
   🙏🏻  *वैशाख मास में लौकिक कामनाओं का नियमन करने पर मनुष्य निश्चय ही भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त कर लेता है | जो वैशाख मास में अंतिम ३ दिन ‘गीता’ का पाठ करता है, उसे प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है | जो इन तीनों दिन ‘श्रीविष्णुसहस्रनाम’ का पाठ करता है, उसके पुण्यफल का वर्णन करने में तो इस भूलोक व स्वर्गलोक में कौन समर्थ है | अर्थात् वह महापुण्यवान हो जाता है |*
🙏🏻 *जो वैशाख के अंतिम ३ दिनों में ‘भागवत’ शास्त्र का श्रवण करता है, वह जल में कमल के पत्तों की भांति कभी पापों में लिप्त नहीं होता | इन अंतिम ३ दिनों में शास्त्र-पठन व पुण्यकर्मों से कितने ही मनुष्यों ने देवत्व प्राप्त कर लिया और कितने ही सिद्ध हो गये | अत: वैशाख के अंतिम दिनों में स्नान, दान, पूजन अवश्य करना चाहिए |*
              🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
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